मेरे लिए नरेन्द्र मोदी के मायने
- सुरेन्द्र सिंह हुड्डा
“ जो गरजते हैं वो बरसते नहीं ” यह उक्ति वर्तमान भारत के संदर्भ में अनुचित प्रतीत होती है क्योंकि मोदी गरजते भी हैं और बरसते भी हैं। देश का एक नागरिक होने के नाते मेरा यह मानना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीयत और नीति देश की सबसे बड़ी बुराई ‘भ्रष्टाचार’ को नष्ट करने की है। यही कारण है कि इस वर्ष 15 अगस्त 2022 को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने की अपनी गंभीरता को दोहराया और देश की जनता को यह अहसास दिलाने की कोशिश भी की कि नागरिकों का यह कर्तव्य है कि वह भी भ्रष्टाचार को समाप्त करने में सहयोग करें। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही सरकारी तंत्र को पारदर्शी बनाने के अनेक सार्थक प्रयास किए जोकि सफल भी हुए। डिजिटल लेनदेन का व्यापक उपयोग शुरू होना इस दिशा में सबसे बड़ा उदाहरण है।
नर...