ममता बनर्जी के लिए कहीं नंदीग्राम न बन जाए संदेशखाली
- विकास सक्सेना
अंग्रेजी की एक प्रसिद्ध कहावत है कि एक कील की वजह से पूरा राज्य खो जाता है। इसको स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि कील की वजह से नाल, नाल की वजह से घोड़ा, घोड़े की वजह से युद्ध और युद्ध की वजह से राज्य से हाथ धोना पड़ जाता है। यही हाल लोकतंत्र में भी होता है। कई बार बहुत मजबूत दिख रहे नेता या दल के लिए कोई घटना उसके पतन का कारण बन जाती है। पश्चिम बंगाल इसका जीता जागता उदाहरण है। यहां 34 साल के वामपंथी शासन के लिए 14 मार्च, 2007 को नंदीग्राम में किसानों पर गोलीबारी की घटना विनाशकारी साबित हुई। कभी राज्य की 80 प्रतिशत से ज्यादा सीटें जीतने वाले वामदलों का आज यहां एक भी विधायक नहीं है। वामपंथियों को बेदखल करके यहां की सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी के लिए अब संदेशखाली का मामला वामपंथियों के नंदीग्राम की तरह साबित हो सकता है। इसके अलावा अब नागरिकता संशोधन कानून लागू करके केंद...