स्त्रियों के लिए समान दृष्टिकोण जरूरी: नमिता गोखले
- अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' का समापन, अंतिम दिन 23 कार्यक्रमों में 160 साहित्यकारों ने लिया भाग
भोपाल (Bhopal)। प्रख्यात लेखिका और प्रकाशक नमिता गोखले (Namita Gokhale) ने कहा कि सही मायने में नारीवाद का मतलब (meaning of feminism) सभी के लिए समान दृष्टि (common vision for all) होना है। उन्होंने प्राचीन काल से महिलाओं द्वारा लिखे साहित्य की चर्चा करते हुए कहा कि लेखन की परंपरा (tradition of writing) आज भी जारी है। वक्ता सी. मृणालिनी ने नारी साहित्य की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा कि इस साहित्य ने नारी स्वतंत्रता के नए द्वार खोले हैं।
नमिता गोखले राजधानी भोपाल में आयोजित चार दिवसीय एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' के अंतिम दिन नारीवाद और साहित्य विषय पर महत्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रही थीं। रविवार को इस उत्सव में अंतिम दिन कुल 2...