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मैरीकॉम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से नाम वापस लिया

मैरीकॉम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से नाम वापस लिया

खेल
नई दिल्ली (New Delhi)। छह बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज (world champion female boxer) मैरीकॉम (mary kom) ने घोषणा की है कि वह चोट के कारण इस साल होने वाली मुक्केबाजी महिला विश्व चैम्पियनशिप (boxing women's world championship) में नहीं खेलेंगी। हालांकि विश्व चैंपियनशिप में कुल आठ पदक जीतने वालीं 40 वर्षीय मैरीकॉम ने चोट की प्रकृति के बारे में नहीं बताया है। मगर उन्होंने जल्द ठीक होने की उम्मीद जताई है। यह घोषणा उन्होंने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक इवेंट में की। आईबीए विश्व चैंपियनशिप-2023 इस साल 01 मई से 14 मई तक उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित की जाएगी। मैरीकॉम ने कहा है कि वह चोट के कारण इसमें हिस्सा नहीं ले पाएंगी। मैरीकॉम ने उम्मीद जताई है कि इस चैंपियनशिप में भारत को कोई नया चैंपियन मिल सकता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी हैं। मैरीकॉम पिछले साल बर्...
विश्व कप 2023 के लिए 20 खिलाड़ी शॉर्टलिस्ट, BCCI ने नहीं किया नाम का खुलासा

विश्व कप 2023 के लिए 20 खिलाड़ी शॉर्टलिस्ट, BCCI ने नहीं किया नाम का खुलासा

खेल
मुंबई (Mumbai)। मुंबई में हुई भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India- BCCI) की समीक्षा बैठक खत्म हो गई है। बैठक में खिलाड़ियों को लेकर कई अहम फैसले किए गए हैं। इसके अलावा ICC वनडे विश्व कप 2023 के लिए 20 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट (shortlist 20 players) भी किया है। हालांकि, अभी उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया है। इस बैठक में BCCI अध्यक्ष रोजर बिन्नी, सचिव जय शाह, कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और चीफ सेलेक्ट चेतन शर्मा मौजूद थे। बैठक में ये किए गए हैं चार बड़े फैसले - बैठक में विश्व कप के लिए 20 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट करने के साथ अन्य प्रस्ताव भी लिए गए हैं। - इसके तहत इमर्जिंग खिलाड़ियों को अब घरेलू सीरीज में लगातार खेलना होगा। इससे वह भारतीय टीम में चयन के लिए तैयार हो सकेंगे। - इसी तरह यो-यो टेस्ट डेक्सा सेलेक्शन प्रोसेस का हि...
“अनुगूँज” से विद्यार्थी देश और दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन करेंगे : शिक्षा मंत्री परमार

“अनुगूँज” से विद्यार्थी देश और दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन करेंगे : शिक्षा मंत्री परमार

देश, मध्य प्रदेश
- स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री ने किया "अनुगूँज" का शुभारंभ भोपाल। "अनुगूँज" ("Angunj") मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का एक ऐसा मंच है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के अनुपालन में विद्यार्थियों की सांस्कृतिक प्रतिभा (cultural talent of students) को निखारने का अवसर देता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की पहल पर "अनुगूँज" स्कूल शिक्षा विभाग की पहचान बन चुका है। "अनुगूँज" मंच के माध्यम से प्रदेश के विद्यार्थियों को समग्र शिक्षा के साथ योग्य कलाकार बनकर श्रेष्ठ मंच प्राप्त करने का अवसर मिल सकेगा और यहां के विद्यार्थी देश और दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। यह बात प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने रविवार शाम को राजधानी भोपाल के शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में "अनुगूँज" के चतुर्थ संस्करण...
धर्म के नाम पर जारी अधर्म

धर्म के नाम पर जारी अधर्म

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में कोई स्वेच्छा से अपना धर्म बदलना चाहे तो यह उसका मौलिक अधिकार है लेकिन मैं पूछता हूं कि ऐसे कितने लोगों को आपने कोई नया धर्म अपनाते हुए देखा है, जिन्होंने उस धर्म के मर्म को समझा है और उसे शुद्ध भाव से स्वीकार किया है? ऐसे लोगों की आप गणना करना चाहें तो उनमें महावीर, बुद्ध, ईसा, मुहम्मद, शंकराचार्य, गुरुनानक, महर्षि दयानंद जैसे महापुरुषों के नाम सर्वाधिक अग्रगण्य होंगे। लेकिन दुनिया के लगभग 90 प्रतिशत लोग तो इसीलिए किसी पंथ या धर्म के अनुयायी बन जाते हैं, क्योंकि उनके माता-पिता उसे मानते थे। सारी दुनिया में ऐसे 5-7 प्रतिशत लोग ढूंढना भी मुश्किल हैं, जो वेद, जिंदावस्ता, आगम ग्रंथ, त्रिपिटक, बाइबिल, कुरान या गुरूग्रंथ पढ़कर हिंदू या पारसी या जैन या बौद्ध या ईसाई या मुसलमान या सिख बने हों। जो थोक में धर्म परिवर्तन होता है, उसके लिए या तो विशेष परिस्थितियां उत्पन...
नाम राम और रोहित, फिर भी ईसाई, यह भारत में ही हो सकता है भाई!

नाम राम और रोहित, फिर भी ईसाई, यह भारत में ही हो सकता है भाई!

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी देशभर से लगातार कुछ इस तरह के समाचार प्रतिदिन आ रहे हैं कि कैसे प्रार्थना के नाम पर मतांतरण का खेल भारत के अलग-अलग राज्यों में खेला जा रहा है। स्वाधीनता के पूर्व ऐसे समाचार आना हो सकता है स्वभाविक हों, क्योंकि कोई भी केंद्रीय राज सत्ता नहीं थी, किंतु क्या देश में स्वतंत्रता के बाद भी ऐसे दृश्य उभरने चाहिए ? यह आज का बड़ा प्रश्न है। झारखंड के रांची में सुखदेव नगर इलाके में मतांतरण के आरोप में पुलिस ने पांच महिलाओं को हिरासत में लिया है। छत्तीसगढ़ के धमतरी में प्रार्थना सभा के विरोध में ग्रामीण पुलिस से मांग करते हैं कि गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि गांव में प्रार्थना सभा न हो। क्योंकि बाहरी लोग ग्रामीणों को रुपये का लालच देकर मतांतरण कराने की कोशिश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के खंडवा में ''नाम राम और धर्म क्रिश्चियन कैसे इसकी हो जांच'' शीर्षक...

धर्मनिरपेक्षता के नाम पर

अवर्गीकृत
- वीरेन्द्र सिंह परिहार कहने को तो हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं। तत्कालीन भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान इसे संविधान की प्रस्तावना में जुड़वा दिया था। धर्मनिरपेक्षता के गुण-दोष पर जाकर कि धर्मनिरपेक्षता के बजाय सही शब्द पंथनिरपेक्षता है, देखने की यह जरूरत है कि राज्य या शासन देश के नागरिकों के मामलों में धर्म के प्रति क्या सचमुच निरपेक्ष या बराबरी का व्यवहार करता है। उपरोक्त संदर्भाें में यूपीए राज के दौर में वह प्रसंग लोगों की याददाश्त में होगा, जब सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने वर्ष 2011 में एक ड्राफ्ट ‘‘साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिस्सा रोकथाम विधेयक 2011’’ प्रस्तुत किया था। कहने को तो इस विधेयक या ड्राफ्ट का उद्देश्य साम्प्रदायिक घटनाओं पर प्रभावी ढंग से रोक लगाना था। इस विधेयक का तात्पर्य यह था कि हिन्दू आक्रामक है जबकि मुस्लिम, ई...