Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Myanmar

भारत और म्यांमार के बीच रुपया-क्यात व्यापार तंत्र की हुई शुरुआत

भारत और म्यांमार के बीच रुपया-क्यात व्यापार तंत्र की हुई शुरुआत

देश, बिज़नेस
-भारत ने म्यांमार को पहली बार एक करोड़ रुपये की दाल की निर्यात नई दिल्ली (New Delhi)। भारत और म्यांमार (India and Myanmar) के बीच रुपया-क्यात व्यापार तंत्र (Rupee-kyat trading system) की शुरुआत हो गई है। भारत (India) ने रुपया-क्यात व्यापार समझौते (Rupee-kyat trade agreement) के तहत म्यांमार को पहली बार एक करोड़ रुपये (One crore rupees) से अधिक की दालों का निर्यात किया है। ये कदम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगा और स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ाएगा। यंगून में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट जारी एक बयान में बताया कि रुपया-क्यात व्यापार समझौते की व्यवस्था अब चालू है। बयान में कहा गया है कि पंजाब नेशनल बैंक के यंगून कार्यालय ने आज एक करोड़ रुपये से अधिक की दाल निर्यात के पहले लेन-देन को सफलतापूर्वक पूरा किया। हम दोनों पक्षों के व्यवसायों को इस व्यवस्थ...
अरहर में नरमी लाने की कोशिश शुरू, म्यांमार से होगा दाल का आयात

अरहर में नरमी लाने की कोशिश शुरू, म्यांमार से होगा दाल का आयात

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय बाजार (Indian market) में अरहर (तूर) की दाल (Arhar (tur) pulse) में एक बार फिर तेजी का रुख (bullish trend again) बनने लगा है। दाल की कीमत आ रही तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार (Central government) ने म्यांमार से इसके आयात (import from myanmar) की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार मौजूदा सीजन के लिए करीब 1.05 लाख टन अरहर दाल का आयात कर सकती है। आपको बता दें कि पिछले सीजन में दलहन के उत्पादन में हुई कमी की वजह से एक बार फिर भारतीय बाजार में अरहर दाल की कीमत में तेजी आने लगी है। अरहर के उत्पादन में पिछले सीजन के दौरान करीब 21 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। जानकारों का कहना है कि उत्पादन में आई कमी की वजह से कुछ कारोबारियों ने बड़े पैमाने पर अरहर दाल की जमाखोरी कर ली है, जिसकी वजह से खुदरा बाजार में अरहर की ...
बांग्लादेश में हसीना का विरोध ?

बांग्लादेश में हसीना का विरोध ?

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक बांग्लादेश में भी शेख हसीना सरकार के खिलाफ उसी तरह प्रदर्शन होने शुरू हो गए हैं, जैसे कि श्रीलंका और म्यांमार की सरकारों के विरुद्ध हुए। म्यांमार की फौज ने वहां तो डंडे के जोर पर जनता को ठंडा कर दिया है लेकिन श्रीलंका की सरकार को चुनाव में मात खानी पड़ी है। ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ ने दावा किया है कि उसके प्रदर्शनों में दस लाख लोग जमा हुए हैं और उन्होंने हसीना से इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि 2024 में चुनाव होने तक ढाका में कोई कार्यवाहक सरकार नियुक्त की जाए। बीएनपी के सातों सांसदों ने अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। उन्होंने मांग की है कि चुनाव तुरंत करवाएं जाएं। शेख हसीना ने हर बार धांधली करके चुनाव जीता है। बीएनपी को बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम मौलानाओं और जमाते-इस्लामी का भी भरपूर समर्थन है। बांग्लादेश की बीएनपी की नेता बेगम खालिदा जिया ने घोषणा की है ...

आसियान की बैठक में उठेगा म्यांमार में फांसी देने का मुद्दा, दुनियाभर में कड़ी प्रतिक्रिया

विदेश
बैंकाक । म्यांमार (myanmar) में चार राजनीतिक कैदियों (prisoners) को फांसी (hanging) देने पर मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई। दुनियाभर की सरकारों ने इसकी कड़ी निंदा की। स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन कर म्यांमार में लोकतंत्र बहाल करने की मांग उठाई। मलयेशिया ने यह मामला आसियान बैठक (ASEAN meeting) में उठाने की बात कही है। सेना ने निर्वाचित नेता आंग सान सू की को फरवरी 2021 में बेदखल कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के हजारों लोगों की हत्या के आरोप लगे हैं। सोमवार को दशकों बाद देश में आधिकारिक तौर पर फांसी की शुरुआत हुई और चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। कुआलालंपुर में संयुक्त राष्ट्र के म्यांमार में विशेष दूत नोइलीन हेजर के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में मलयेशिया के विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने कहा, यह मानवीयता के प्रति अपर...