Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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काश! यूएन चीन के मुसलमानों के साथ मुस्लिम देशों के अल्पसंख्यकों की भी चिंता करता

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी संयुक्त राष्ट्र की जारी एक रिपोर्ट इस समय पूरी दुनिया में मानवाधिकारों के समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट में चीन पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। जिसमें तथ्यों के साथ यह बताने का प्रयास हुआ है कि कैसे उइगर मुसलमानों पर चीन अत्याचार कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यहां शिनजियांग प्रांत में रह रहे मुसलमानों पर चीन का अत्याचार इतना कि 10 लाख से ज्यादा लोग 'रि-एजुकेशन कैम्प' में बंधक हैं। उइगर मुसलमानों से कहा गया है कि यदि उन्होंने कैम्प के बारे में कुछ भी कहा तो लंबे समय के लिए जेल में बंद कर दिया जाएगा। यूएन की यह रिपोर्ट कहती है कि अनेक अवसरों पर यहां के मुसलमानों को उनकी भाषा बोलने, मजहबी नियमों का पालन करने से भी मना कर दिया जाता है, महिलाओं के हिजाब पहनने पर पाबंदी है। पुरुषों को दाढ़ी बढ़ाने और बच्चों को मुस्लि...

पसमांदा मुसलमानों का उद्धार

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक देश के कुल मुसलमानों में पसमांदा मुसलमानों की संख्या लगभग 90 प्रतिशत है। पसमांदा का मतलब है- पिछड़े हुए। इन पिछड़े हुए मुसलमानों में वे सब शामिल हैं, जो कभी हिंदू थे लेकिन उनमें भी पिछड़े, अछूत, अनुसूचित और निम्न समझी जानेवाली जातियों के थे। इस्लाम तो जातिवाद और ऊंच-नीच के भेद को नहीं मानता है लेकिन हमारे मुसलमानों में ही नहीं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुसलमानों में भी जातिवाद जस-का-तस कायम है, जैसा कि वह हिंदुस्तान में फैला हुआ है। पाकिस्तान के जाट, गूजर, अहीर, कायस्थ, खत्री, पठान और यहां तक कि अपने आप को ब्राह्मण कहने वाले मुसलमानों से भी मेरा मिलना हुआ है। अफगानिस्तान में पठान, ताजिक, उजबेक, किरगीज, खत्री और मू-ए-सुर्ख मुसलमानों से भी मेरा कई बार साबका पड़ा है। इन मुस्लिम देशों में भी जातिवाद मौजूद है लेकिन वह वहां दबा-छिपा रहता है। भारत में भी जातिवाद का जबरदस्त ...