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धारः भोजशाला में 57वें दिन मिले दो विशाल पाषाण अवशेष, मुस्लिम समाज ने किया सर्वे का विरोध

धारः भोजशाला में 57वें दिन मिले दो विशाल पाषाण अवशेष, मुस्लिम समाज ने किया सर्वे का विरोध

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department) का सर्वे (Survey) शुक्रवार को 57वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 17 अधिकारियों की टीम 37 श्रमिकों के साथ सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और दोपहर 12 बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब छह घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे। ज्ञानव्यापी की तर्ज पर चल रहे सर्वे के 57वें दिन भोजशाला में खुदाई के दौरान दो बड़े आकार के पाषाण (पत्थर) अवशेष मिले। इनके साथ कुछ छोटे अवशेष भी मिले हैं। दोनों बड़े पाषाण अवशेष में से प्रत्ये...
धारः भोजशाला में 23वें दिन भी जारी रहा एएसआई सर्वे, मुस्लिम समाज ने पढ़ी नमाज

धारः भोजशाला में 23वें दिन भी जारी रहा एएसआई सर्वे, मुस्लिम समाज ने पढ़ी नमाज

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench ) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department) का सर्वे (Survey) शुक्रवार को 22वें दिन भी जारी रहा। जुमे की नमाज के चलते दिल्ली और भोपाल के 18 अधिकारियों की टीम 28 मजदूरों के साथ सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब छह घंटे काम किया। इसके बाद दोपहर 12 बजे टीम यहां से रवाना हो गई। इस दौरान सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे। शुक्रवार होने की वजह से यहां नमाज पढ़ी गई। इसके चलते पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया गया था। भोजशाला में नमाज दोपहर एक बजे से तीन ब...
अब तो गलती सुधारने की पहल करे मुस्लिम समाज

अब तो गलती सुधारने की पहल करे मुस्लिम समाज

खेल
- आशीष वशिष्ठ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वाराणसी के प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वेक्षण से उस दावे की पुष्टि हो गई है कि वह हिन्दू मंदिर पर ही बनाई गई थी। इस सर्वेक्षण को रोकने के लिए मुस्लिम पक्ष द्वारा न्यायालय में चरम सीमा तक जाकर तर्क दिए गए। बीती 31 जनवरी को वाराणसी की एक न्यायालय ने हिन्दू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास जी तलगृह में पूजा का अधिकार दे दिया है। पूर्ण विधि-विधान से पूजा अर्चना शुरू हो गई है। हिन्दू पक्ष कुछ समय से ज्ञानवापी परिसर में स्थित एक तलगृह में पूजा का अधिकार मांग रहा था। यह तलगृह मस्जिद परिसर में है। वर्ष 1992 तक व्यास जी तलगृह में पूजा नियमित तौर पर होती थी। 06 दिसंबर, 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद 1993 से व्यास जी के तलगृह को बंद कर दिया गया और बैरिकेडिंग कर दी गई थी। उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मु...