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एमएसपी घोषणा से दलहन-तिलहन में बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

एमएसपी घोषणा से दलहन-तिलहन में बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा केन्द्र सरकार की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा से दलहन और तिलहन के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बढ़ता कदम माना जाना चाहिए। देश में तिलहन और दलहन का उत्पादन पिछले सालों में लगातार बढ़ता जा रहा है पर अभी भी देश दलहन और तिलहन के क्षेत्र में घरेलू जरूरत पूरी होने जितना उत्पादन हो नहीं पा रहा है। हालांकि अब धीरे-धीरे दलहन तिलहन का उत्पादन बढ़ने लगा है और केन्द्र सरकार 2027 तक दलहन के क्षेत्र में देश की विदेशी निर्यात पर पूरी निर्भरता कम होने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। केन्द्र सरकार की आगामी खरीफ के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा से यह साफ हो जाता है कि सरकार दलहन और तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सही व योजनावद्ध तरीके से कदम बढ़ा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि 2027 त...
एमएसपी अच्छा कदम, फिर क्यों सितम

एमएसपी अच्छा कदम, फिर क्यों सितम

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा केंद्र सरकार ने खरीफ फसल की धान एवं ज्वार की दो किस्मों सहित 16 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा कर एक बार फिर किसानों को बड़ी राहत दी है। देखा जाए तो एक दशक पहले यानी कि 2010-11 की तुलना में एमएसपी में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है तो कृषि लागत में भी बढ़ोतरी हुई है। खरीफ फसलों में वैसे तो सबसे अधिक तिल की एमएसपी में 805 और मूंग के भावों में 803 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। कहा यह भी जा रहा है कि चाहे धान, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन, तिल, रामतिल व कपास सभी के भावों में लागत से 50 प्रतिशत से भी अधिक की बढ़ोतरी की गई है। अच्छी बात यह मानी जा सकती है कि अब केंद्र सरकार द्वारा बुवाई आरंभ होने से पहले ही फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी की सरकारी खरीद की न्यूनतम दर तय कर देती है। बावजूद इसके किसान संगठन नाखुश रहते हैं...
सरकार ने 1.6 लाख करोड़ रुपये एमएसपी पर खरीदा 520.6 लाख टन चावल

सरकार ने 1.6 लाख करोड़ रुपये एमएसपी पर खरीदा 520.6 लाख टन चावल

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने चालू खरीफ विपणन सत्र 2022-23 (Current Kharif Marketing Season 2022-23) में अब तक 520.6 लाख टन चावल की खरीद (Purchase of 520.6 lakh tonnes rice) की है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) (Minimum Support Price (MSP)) पर हुई इस खरीद के लिए 1.12 करोड़ किसानों (1.12 crore farmers) को कुल 1.6 लाख करोड़ रुपये (Rs 1.6 lakh crore) का भुगतान किया गया है। खाद्य मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि चालू खरीफ विपणन सत्र में 22 मई तक कुल 520.6 करोड़ टन चावल की खरीद की गई है। मंत्रालय के मुताबिक चावल खरीद अभियान से 1.12 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचा है। उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। केंद्र ने चालू विपणन सत्र 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में 626 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्...