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मप्रः भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा में दरार को लेकर हलचल

मप्रः भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा में दरार को लेकर हलचल

देश, मध्य प्रदेश
-पूर्व विधायक ने शेयर की तस्वीर, प्रबंधन बोला- कई वर्षों से जस की तस भोपाल (Bhopal)। मंदसौर नगर (Mandsaur Nagar) में विराजित अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ महादेव (Ashtamukhi Lord Pashupatinath Mahadev) की मूर्ति को लेकर पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया (Former MLA Yashpal Singh Sisodia) द्वारा सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर हलचल मचा दी है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि भगवान पशुपतिनाथ महादेव (Lord Pashupatinath Mahadev) की मूर्ति के ऊपर वाले मुख में दरार पड़ गई है। इसमें मुख्यमंत्री और कलेक्टर को टैग भी किया है। मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ का मंदिर शिवना नदी के किनारे स्थित है। यहां भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा विराजमान है। बताया जाता है कि भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी यह प्रतिमा ढाई हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सोमवार को अपने पोस्ट में लिखा कि श्...
छह दिसंबर, 1992 …कभी न भूल पाने वाले पल

छह दिसंबर, 1992 …कभी न भूल पाने वाले पल

अवर्गीकृत
- डा. रमेश शर्मा श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन का इतिहास लगभग आठ सौ वर्ष पुराना है। यानी बाबर से भी 300 वर्ष पूर्व से अनेक राजा और रानियों ने सेना सहित तथा भक्तों ने व्यक्तिगत अथवा सामूहिक तौर पर अपने प्राण न्योछावर किए और इनकी कुल संख्या लाखों में है। अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों में गहन चिंतन और मनन के बाद हिंदू संगठनों ने पहले विश्व हिंदू परिषद उपरांत भाजपा और विविध सहयोगियों के साथ इस धार्मिक आंदोलन को अपनाने का जोखिम पूर्ण निर्णय लिया था। पालमपुर में आयोजित बैठक में इसे विधिवत घोषित भी कर दिया गया । इस सांस्कृतिक आंदोलन का मैंने नजदीक से अध्ययन और अवलोकन करने का मन बनाया । इस विषय में शेष राजनीतिक और सामाजिक ढांचे के विरोध का आलम ऐतिहासिक और भीषण था। इसी क्रम में मुलायम सिंह यादव के समय 1990 में कारसेवकों पर लाठीचार्ज और गोलीबारी ने हिन्दू समाज को अत्यंत आक्रोशित किया जिस के कारण 199...
भारत और कनाडा निवेश बढ़ाने, छात्रों की आवाजाही को लेकर बातचीत में तेजी लाने पर सहमत

भारत और कनाडा निवेश बढ़ाने, छात्रों की आवाजाही को लेकर बातचीत में तेजी लाने पर सहमत

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) और कनाडा (Canada) समन्वित निवेश बढ़ाने (increase coordinated investment), सूचना आदान-प्रदान, कुशल कामगारों, पेशेवरों तथा छात्रों की आवाजाही (Movement of Professionals and Students) को लेकर बातचीत में तेजी लाने पर सहमति जताई है। दोनों देश यह मानते है कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत (strengthen bilateral economic ties) बनाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। व्यापार और निवेश पर भारत-कनाडा के बीच छठी मंत्रिस्तरीय वार्ता बुधवार को कनाडा में हुई। वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा की अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निर्यात संवर्धन, लघु उद्यम तथा आर्थिक विकास मंत्री मैरी एनजी ने बैठक में व्यापक व्यापार समझौते के महत्व पर जोर दिया। बयान के मुताबिक गोयल और एनजी के बीच क...
संसार को गति, प्रेरणा और प्रकाश देते हैं सूर्य

संसार को गति, प्रेरणा और प्रकाश देते हैं सूर्य

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित भारतीय चिंतन में सूर्य ब्रह्माण्ड की आत्मा हैं। सूर्य सभी राशियों पर संचरण करते प्रतीत होते हैं। वस्तुतः पृथ्वी ही सूर्य की परिक्रमा करती है। आर्य भट्ट ने आर्यभट्टीयम में लिखा है, ‘‘जिस तरह नाव में बैठा व्यक्ति नदी को चलता हुआ अनुभव करता है, उसी प्रकार पृथ्वी से सूर्य गतिशील दिखाई पड़ता है।‘‘ सूर्य धनु राशि के बाद मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रान्ति कहा जाता है। सूर्य का मकर राशि पर होना उपासना के लिए सुन्दर मुहूर्त माना जाता है। वराहमिहिर ने बृहत संहिता में बताया है, ‘‘मकर राशि के आदि से उत्तरायण प्रारम्भ होता है।‘‘ गीता (8-24) में कहते हैं, ‘‘अग्नि ज्योति के प्रकाश में शुक्ल पक्ष सूर्य के उत्तरायण रहने वाले 6 माहों में शरीर त्याग कर के ब्रह्म को प्राप्त करते हैं।‘‘ उत्तरायण शुभ काल है। इस अवधि में यज्ञ, उपासना, अनुष्ठान और धर्म दर्शन से जुड़े साहित्य का...
चीन में बगावत के संकेत

चीन में बगावत के संकेत

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ आजकल जिस तरह के आंदोलन जगह-जगह हो रहे हैं, वे 1989 में थ्यानमेन चौराहे पर हुए भयंकर नरसंहार की याद ताजा कर रहे हैं। पिछले 33 साल में इतने जबरदस्त प्रदर्शन चीन में दुबारा नहीं हुए। ये प्रदर्शन तब हो रहे हैं जबकि यह माना जा रहा है कि माओत्से तुंग के बाद शी सबसे अधिक लोकप्रिय और शक्तिशाली नेता हैं। अभी-अभी उन्होंने अपने आपको तीसरी बार राष्ट्रपति घोषित करवा लिया है लेकिन चीन के लगभग 10 शहरों के विश्वविद्यालयों और सड़कों पर उनके खिलाफ नारे लग रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? सारे अखबार और टीवी चैनल मानकर चल रहे हैं कि ये प्रदर्शन कोरोना महामारी के दौरान जारी प्रतिबंधों के खिलाफ हो रहे हैं। मोटे तौर पर यह बात सही है। चीन में कोरोना की शुरुआत हुई और वह सारी दुनिया में फैल गया लेकिन दुनिया से तो वह विदा हो लिया किं...
मानगढ़ बलिदान: आध्यात्मिक चेतना और आंदोलन का आधार

मानगढ़ बलिदान: आध्यात्मिक चेतना और आंदोलन का आधार

अवर्गीकृत
- कौशल मूंदड़ा हम जब भी भारतीय सनातन संस्कृति के बड़े आंदोलनों या बदलावों पर नजर डालते हैं तो उनके मूल में एक ही बात परिलक्षित होती है, वह है हमारी आध्यात्मिक चेतना। सनातन संस्कृति की संतानों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी यह एक ऐसा तत्व है जो कभी निश्चेत नहीं हुआ। जब भी हमें कहीं से भी आध्यात्मिक अनुभव का प्रभाव प्राप्त होने लगता है, हमारा मन-मस्तिष्क उसकी ओर आकर्षित स्वतः होने लगता है। संभवतः यही कारण है कि बड़े आंदोलन हों या बड़े बदलाव, उनका आधार आध्यात्मिक चेतना रहा। चाहे हम महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन को ही लें तो उनके आंदोलन में ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ पराई जाने रे..’ भजन प्रमुख रूप से होता था और उसमें शामिल हर जन उसकी अनुभूति में जरूर शांति का अनुभव करता होगा और जब मन शांत होता है तो मानव स्वभाव के अनुसार वह सही-गलत का निर्णय करने में अशांत मन से ज्यादा सक्षम होता है। इसी अवधारणा को...