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MP: सरकार ने देश-विदेश के हिंदी सेवियों को सम्मानित, सीएम बोले-मातृ भाषा में अध्ययन को करेंगे प्रोत्साहित

MP: सरकार ने देश-विदेश के हिंदी सेवियों को सम्मानित, सीएम बोले-मातृ भाषा में अध्ययन को करेंगे प्रोत्साहित

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। राज्य शासन के संस्‍कृति विभाग द्वारा शनिवार को हिन्‍दी दिवस (Hindi day.) के अवसर पर भोपाल के रवीन्‍द्र भवन में आयोजित राष्‍ट्रीय हिन्‍दी भाषा सम्‍मान अलंकरण समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने हिन्दी भाषा के साहित्य सृजन (Literary creation in Hindi language.) में उत्कृष्ट कार्य करने वाली देश-दुनिया के प्रतिष्ठित लेखकों का सम्मान (Honoring eminent writers) किया। उन्होंने वर्ष 2022 और वर्ष 2023 के लिए पांच-पांच लाख रुपये की राशि का राष्ट्रीय पुरस्कार एक संस्था और नौ हिंदी सेवियों को कुल 10 पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग और प्रोत्साहन के लिए संकल्पबद्ध है। मध्यप्रदेश प्रमुख हिंदी भाषी राज्य है। मध्यप्रदेश से न सिर्फ डॉक्टर, इंजीनियर हिंदी में शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि अन्य...
क्यों जरूरी है बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देना

क्यों जरूरी है बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देना

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा अभी कुछ दिन पहले ही केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसआई) ने एक बेहद जरूरी फैसला लिया। इसके तहत अब सीबीएसई स्कूलों को प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक क्षेत्रीय व मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने का विकल्प देगी। अब तक, राज्य बोर्ड स्कूलों के विपरीत, सीबीएसई स्कूलों में केवल अंग्रेजी और हिंदी माध्यम ही शिक्षा प्राप्त करने का विकल्प था। सीबीएसई ने अपने सभी संबंधित स्कूलों से कहा है कि जहां तक संभव हो सके यथाशीध्र तो पांचवीं कक्षा तक क्षेत्रीय भाषा में या फिर बच्चे की मातृभाषा में पढ़ाई के विकल्प उपलब्ध कराएं । बेशक, यह एक युगांतकारी फैसला है। हरेक बच्चे के पास यह विकल्प होना ही चाहिए कि वह अपनी मातृभाषा में स्कूली शिक्षा ग्रहण कर सके। हां, उसे विषय के रूप में कोई एक भाषा या एकाधिक भाषाएं पढ़ाई जा सकती हैं। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और डॉ. बाबा साहेब आम...