Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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गहलोतः सासू छोटी, बहू बड़ी

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लाख मना करें कि उन्होंने अपने समर्थक कांग्रेस विधायकों को नहीं भड़काया, लेकिन उनकी इस बात पर कौन भरोसा करेगा? उनके 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे सौंपकर वह काम कर दिखाया है, जो मेरी याददाश्त में कांग्रेस तो क्या, किसी भी पार्टी के राज्य में ऐसा कभी नहीं हुआ। पहले कई बार दल-बदल हुए हैं, सरकारें गिरी हैं लेकिन किसी पार्टी की इज्जत इस तरह से पहले कभी नहीं गिरी। सोनिया-राहुल कंपनी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि उनके अपने कर्मचारी उन्हें शीर्षासन करा देंगे। यदि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनने के पहले ही यह करिश्मा दिखा सकते हैं तो अध्यक्ष के तौर पर तो वे मां-बेटे की मिल्कियत को भी उलटवा सकते हैं। राजस्थान में हुए घटनाक्रम की यही व्याख्या दिल्ली से भेजे गए दूत अब लौटकर पार्टी मालिकों को देंगे। गहलोत अपने हाथ झाड़ना चाहेंगे ले...