Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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और भी ‘जलियांवाला बाग नरसंहार’ हैं भारत में

और भी ‘जलियांवाला बाग नरसंहार’ हैं भारत में

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- रमेश शर्मा जलियांवाला बाग नरसंहार को 13 अप्रैल को एक सौ चार वर्ष हो जाएंगे । 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर ने वैशाख उत्सव के लिए एकत्रित भीड़ और सैकड़ों निर्दोष नागरिकों पर गोलियां चलाने का आदेश दिया था । इसमें तीन सौ से अधिक लोगों का बलिदान हुआ और डेढ़ हजार से अधिक लोग घायल हुए थे । इनमें से भी अनेक लोगों ने बाद में प्राण त्यागे । ये सब संख्या जोड़े तो मरने वालों के आंकड़ा आठ सौ के पार हो जाता है। भारत में सामूहिक नरसंहार का एक लंबा इतिहास है । अंग्रेजों से पहले भी सामूहिक नरसंहार हुए । हर आक्रांता ने नरसंहार किए हैं। भारत पर विदेशी आक्रमण और विदेशी हमलावरों द्वारा लूट और अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए यह खूनी खेल लगभग बारह सौ वर्ष तक चला । शायद ही कोई ऐसा दिन गया हो जब भारत की धरती अपने ही बेटों के रक्त से लाल न हुई हो । सैकड़ों घटनाओं का जिक्र तक नहीं है । जिनका है उनका एक दो पंक्तिय...
द केरला स्टोरीः फिल्म के आंकड़ों से ज्यादा मूल बात को समझने की है

द केरला स्टोरीः फिल्म के आंकड़ों से ज्यादा मूल बात को समझने की है

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- निवेदिता सक्सेना हाल ही में रिलीज हुई फिल्म `द केरला स्टोरी' तथ्यपरख होने के साथ आने वाले भविष्य के लिए एक दस्तक भी है। जो न सिर्फ बेटियों के लिए, वरन हर उस इंसान के लिए जो अब तक अपने जीवन मूल्य के अस्तित्व को न समझ पाया है न ही उसे बताया गया है। एक बालक को कोई अपनी बात मनवाने के लिए झुनझुना पकड़ा दिया जाता है ताकि कुछ समय तक वह भ्रमित रहे और उससे खेलता रहे। वह झुनझुने से निकली आवाज से खुश होता रहे, लेकिन एक उम्र के बाद उसे उस झुनझुने की असलियत पता लगती है, तब वह उसके मायाजाल में नहीं फंसता। ये तो रही बच्चे की बात लेकिन धर्म एवं कर्म के नाम का झुनझुना जिंदगी को पलट देता है। स्थिरं जीवितं लोके ह्यस्थिरे धनयौवने । स्थिराः पुत्रदाराश्च धर्मः कीर्तिर्द्वयं स्थिरम् ॥ इस स्थिर जीवन/संसार में धन, यौवन, पुत्र-पत्नी आदि सबकुछ अस्थिर है। केवल धर्म और कीर्ति ये दो बातें स्थिर हैं। फिलहाल ऐसा भार...
तुर्किए और सीरिया में मरने वालों की संख्या पांच हजार से अधिक हुई

तुर्किए और सीरिया में मरने वालों की संख्या पांच हजार से अधिक हुई

विदेश
- एर्दोगन ने 10 प्रांतों में लगाया तीन माह का आपात काल अंकारा/दमिश्क। तुर्किए और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,000 से अधिक हो गई है। वहीं भूकंप के झटकों से धराशाई इमारतों, सडक़ों पर बिखरे शवों और बेहद खराब मौसम ने हालात को बेहद खौफनाक बना दिया है। वहीं हजारों इमारतों में राहत बचाव कार्य जोरो से जारी है। दुनियाभर के देशों ने बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए टीम भेजी है। तुर्किए की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि 24,400 से अधिक आपातकालीन कर्मी मौके पर मौजूद हैं। वहीं राष्ट्रपति एर्दोगन ने बड़े पैमाने पर भूकंप प्रभावित 10 प्रांतों में अगले तीन महीने तक आपात स्थिति की घोषणा की है। तुर्की में भूकंप के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं। राष्ट्रपति एर्दोगन के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी इस बारे में ट्वीट किया गया है। उनके ट्वीट में जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा ...

सरकार के लिए महंगाई से ज्यादा रोजगार सृजन है बड़ी प्राथमिकता: वित्त मंत्री

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण (Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार के लिए महंगाई ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं (inflation is not important) है, क्योंकि यह अब कम हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता अब रोजगार सृजन (Employment Generation) और आय वितरण (Income Distribution) है। निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यहां यूएसआईबीसी इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित करते हुए यह बात कही। वित्त मंत्री ने समिट का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि भारत इस चुनौतीपूर्ण वक्त में जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह प्रभावित है और भू-राजनीतिक समीकरण अस्थिर हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में अनिश्चितता केंद्र सरकार के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से कच्चे तेल, प्...

अब तक 3 करोड़ से ज्यादा आईटीआर दाखिल

देश, बिज़नेस
-आईटीआर भरने के लिए सिर्फ 5 दिन बाकी, चूके तो नुकसान के साथ लगेगा जुर्माना नई दिल्ली। आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अब तक करीब आधे करदाताओं ने आईटीआर फाइल नहीं किया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि पिछले दो साल की तरह इस बार आईटीआर भरने की डेडलाइन नहीं बढ़ने वाली है। आयकर विभाग करदाताओं से बार-बार ट्वीट कर इसको समय पर पूरा करने की अपील कर रही है। आयकर विभाग ने जारी एक बयान में कहा कि आकलन वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए 3 करोड़ से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। विभाग ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘आकलन वर्ष 2022-23 के लिए 25 जुलाई, 2022 तक 3 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं। ऐसे में विभाग ने लोगों से कहा है कि यदि उन्होंने अभी तक अपना आईटीआर फाइल नहीं किया है, तो वे इसे जल्द से जल्द दाखिल करें। विभाग के मुताबिक पिछले वित्त...