लोकतंत्र के लिए !
- गिरीश्वर मिश्र
जनता द्वारा, जनता का और जनता के लिए शासन के महास्वप्न को साथ लेकर लोकतंत्र की शासन-विधा आधुनिक युग में सबसे प्रबुद्ध, व्यावहारिक और विवेकशील सरकार चलाने की पद्धति के रूप में स्वीकार की गई है। उत्तर कोरिया और चीन जैसे देश ज़रूर इसके अपवाद हैं जहाँ भिन्न क़िस्म की शासन-व्यवस्थाएँ हैं। यह भी सही है कि जिन देशों में लोकतंत्र है सभी एक जैसे नहीं हैं। राजतंत्र और सैन्य हस्तक्षेप के विविध रूप ऐसे अनेक देशों में मिलते हैं जहां स्वतंत्रता पर पहरा है, अन्याय और असमानता है। इन भेदों के बावजूद लोकतंत्र की व्यवस्था में जनता के चुने प्रतिनिधि या सीधे जनता से चुने लोगों को शासन सँभालने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है। इसके मूल में ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ का ही आदर्श सक्रिय है।
सबकी भागीदारी के लिए अवसर देना, ज़िम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ शासन चलाना, शांति और समानता के सिद्धान्तों को ...