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भारत के सांस्कृतिक वैभव की पुनर्स्थापना का लाभ समूची मानवता को मिलेगाः मोदी

भारत के सांस्कृतिक वैभव की पुनर्स्थापना का लाभ समूची मानवता को मिलेगाः मोदी

देश, मध्य प्रदेश
- श्री महाकाल लोक’ में सब कुछ अलौकिक, अविस्मरणीय, अविश्वसनीय हैः प्रधानमंत्री भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक वैभव (India's cultural splendor) की पुनर्स्थापना (Restoration ) का लाभ न केवल भारत. अपितु पूरे विश्व एवं समूची मानवता को मिलेगा। उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ की स्थापना (Establishment of 'Shri Mahakal Lok') इसी की कड़ी है। यह काल के कपाल पर कालातीत अस्तित्व का शिलालेख है। उज्जैन आज भारत की सांस्कृतिक अमरता की घोषणा और नये कालखण्ड का उद्घोष कर रहा है। हमारे लिये धर्म का अर्थ कर्त्तव्यों का सामूहिक संकल्प, विश्व का कल्याण एवं मानव मात्र की सेवा है। हमने आजादी के पहले जो खोया था, उसकी आज पुनर्स्थापना हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार देर शाम उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण के बाद जन समारोह को सम्बोधित कर रहे ...

मोदी को इनसे कोई खतरा नहीं

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक आज के दिन तीन बड़ी खबरें हैं। ये तीनों अलग-अलग दिखाई पड़ रही हैं लेकिन तीनों आपस में एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। पहली खबर यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष कौन बनेगा? दूसरी खबर यह कि देश के लगभग सभी प्रमुख विरोधी दल मिलकर भाजपा-विरोधी मोर्चा खड़ा कर रहे हैं। तीसरी खबर यह कि यदि अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनना पड़ गया तो राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? यदि अशोक गहलोत का बस चलेगा तो सचिन पायलट को वे अपना स्थान क्यों लेने देंगे? जिस व्यक्ति ने उनकी कुर्सी हिलाने के लिए जमीन-आसमान एक कर दिए थे और जिसे मुख्यमंत्री ने निकम्मा तक कह दिया था, उसका मुख्यमंत्री बन जाना गहलोत की इकन्नी हो जाना है। इसका अर्थ यह भी हुआ कि गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने का कोई अर्थ नहीं है। जिसे प्रियंका और राहुल जो चाहें, सो बना दें तो फिर आप चाहे प्रधानमंत्री बन जाएं या कांग्रेस अध्यक्ष बन जाएं, आप रब...

मोदी के भाषण पर विवाद फिजूल

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक लाल किले की प्रचारी से हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री जो भाषण देते हैं, उनसे देश में कोई विवाद पैदा नहीं होता। वे प्रायः विगत वर्ष में अपनी सरकार द्वारा किए गए लोक-कल्याणकारी कामों का विवरण पेश करते हैं और अपनी भावी योजनाओं का नक्शा पेश करते हैं। इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के लगभग एक घंटे के हिस्से पर किसी विरोधी ने कोई अच्छी या बुरी टिप्पणी नहीं की लेकिन सिर्फ दो बातें को लेकर विपक्ष ने उन पर गोले बरसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस के नेताओं को बड़ा एतराज इस बात पर हुआ कि मोदी ने महात्मा गांधी, नेहरू और पटेल के साथ-साथ इस मौके पर वीर सावरकर और श्यामाप्रसाद मुखर्जी का नाम क्यों ले लिया? चंद्रशेखर, भगत सिंह, बिस्मिल आदि के नाम भी मोदी ने लिए और स्वातंत्र्य-संग्राम में उनके योगदान को प्रणाम किया। क्या इससे नेहरू जी की अवमानना हुई है? कतई नहीं। फिर भ...
मोदी का मास्टर स्ट्रोक ‘मुर्मू’

मोदी का मास्टर स्ट्रोक ‘मुर्मू’

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- आर.के. सिन्हा द्रौपदी मुर्मू वास्तव में मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक है। मतदान के समय जिस तरह विपक्षी दलों में फूट पड़ी और क्रॉस वोटिंग हुई, उससे साबित हो गया कि मोदी जी का आदिवासी और महिला कार्ड चल गया। द्रौपदी मुर्मू का देश का अगला राष्ट्रपति निर्वाचित होना निश्चित है। वो आगामी 25 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। उनसे सारा देश यह अपेक्षा करेगा कि वो अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. प्रणब कुमार मुखर्जी और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महानुभावों की तरह ही गरिमामयी व्यवहार का परिचय देंगी। वो देश के प्रथम नागरिक के रूप में एक नई नजीर स्थापित करेंगी। भारत का यह सौभाग्य ही रहा कि उसे गोरी सरकार से मुक्ति मिलने के बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और उनके बाद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे ज्ञानी, प्रकांड विद्वान और धीर गंभीर राष्ट्रपति मिले। वे संविधान की मर्यादाओं में ...