वायु प्रदूषण का मूल कारण आधुनिक जीवनशैली
- हृदयनारायण दीक्षित
वायु से आयु है। स्वच्छ वायु आयुवर्धक है। प्रदूषित वायु प्राणलेवा है। ये सब जानते हुए भी वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले तमाम अपकृत्य जारी हैं। ‘द लेसैंट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल के अध्ययन में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। वायु प्रदूषण के कारण 2000 से 2019 तक प्रतिवर्ष 10 लाख लोगों की जान गई है। सांस सम्बंधी बीमारियां बढ़ी हैं और बीमारियों के कारण लाखों लोगों की मौत हुई है। ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दुनिया के लगभग 13000 नगरों में प्रदूषण का विश्लेषण किया है। इस अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार एशिया में मृत्युदर का आंकड़ा काफी चिन्ताजनक है। बताया गया है कि प्रदूषण के कारण मौतों के आंकड़ों में चीन पहले स्थान पर है। भारत में भी वायु प्रदूषण की स्थिति भयावह है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हर साल वायु प्रदूषण के कारण धूल भरा कोहरा दिखाई पड़ता है। वायु प्रदूषण का मूल क...