मध्य प्रदेश में मोहन यादव का पहला निर्णय और मानसिक अत्याचार से मुक्ति
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी
इतिहास साक्षी भाव से वर्तमान और भविष्य को इस बात का दिग्दर्शन देता है कि आपके पूर्वजों ने क्या किया है। आपके पूर्वजों ने जो बोया उसी फसल को वर्तमान या भविष्य की पीढ़ी काटने के लिए प्रेरित या विवश रहती है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के तुरंत बाद डॉ. मोहन यादव ने प्रथम नस्ती पर जिन बिन्दुओं एवं निर्णयों को लेकर अपने हस्ताक्षर किए उन्होंने आज एक ऐसे भविष्य के मप्र का आगाज किया है, जिसे यदि संत तुलसी की भाषा में कहें तो परहित सरिस धर्म नहीं भाई, पर पीडा सम नहिं अधमाई॥ (रामचरित मानस - 7/49/1) परोपकार से बढ़कर दूसरा धर्म नहीं है और किसी को दुख पहुंचाने से बढ़ कर कोई दूसरा अधर्म नहीं है।
दुनिया के तमाम देशों और राज्यों में, जहां भी दृष्टि जाए आप देखें, कितनी जगह बहुसंख्यक समाज अल्पसंख्यकों से प्रताड़ित होता हुआ दिखता है? किंतु भारत में यह कई मुद्दों पर प्...