मेडिकल की हिंदी में पढ़ाई, मप्र को भायी
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
आजादी के 75 वें साल में मैकाले की गुलामगीरी वाली शिक्षा पद्धति बदलने की शुरुआत अब मध्य प्रदेश से हो रही है। इसका श्रेय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और चिकित्सा शिक्षामंत्री विश्वास सारंग को है। मैंने पिछले साठ साल में म.प्र. के हर मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मेडिकल और कानून की पढ़ाई वे हिंदी में शुरू करवाएं लेकिन मप्र की वर्तमान सरकार भारत की ऐसी पहली सरकार है, जिसका भारत की शिक्षा के इतिहास में नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। केंद्र सरकार म.प्र. से प्रेरणा ग्रहण कर समस्त विषयों की उच्चतम पढ़ाई का माध्यम भारतीय भाषाओं को करवा दे तो भारत को अगले एक दशक में ही विश्व की महाशक्ति बनने से कोई ताकत रोक नहीं सकती है। विश्व की जितनी भी महाशक्तियां हैं, उनमें उच्चतम अध्ययन और अध्यापन स्वभाषा में होता है। डॉक्टरी की पढ़ाई मप्र में हिंदी माध्यम से होने के कई फायदे ह...