Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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इस बार जनादेश के मायने

इस बार जनादेश के मायने

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा अठारहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि मतदाता के मन को समझना इतना आसान नहीं हैं। इसी तरह से एग्जिट पोल के परिणामों और धरातलीय परिणामों में अंतर से साफ हो जाता है कि मतदाता खुलता भी नहीं है तो किसके पक्ष में मतदान करके आया है उसे वह मुखर होकर बताता भी नहीं है। चुनाव परिणामों से सट्टा बाजार की भी पोल खुल कर रह गई है। ऐसे में सवाल यह हो जाता है कि मतदाता इस जनादेश के माध्यम से आखिर संदेश क्या देना चाहते है? लोकसभा चुनाव परिणाम से यह तो साफ हो गया है कि मतदाता ने एनडीए को तीसरी बार सरकार चलाने का अवसर दे दिया है। बहुमत के 272 की तुलना में एनडीए को 293 सीटें मिली हैं। यह अलग बात है कि पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भाजपा अकेले स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई। बावजूद इसके वह लोकसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। देखा जाए तो 10 सा...
मोदीमय भारत के मायने

मोदीमय भारत के मायने

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- महेश वर्मा किसी भी सरकार के काम का फायदा तभी है, जब वह आबादी के अंतिम व्यक्ति तक प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से पहुंचे। यह फायदा अनेक क्षेत्रों से जुड़ा है, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, विकास आदि। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में पहल करते हुए सुधार किए। इससे विभिन्न वर्गों को फायदा हो रहा है। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में समृद्धि की विभिन्न योजनाओं को प्राथमिकता दी, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों का विकास हो सके। मोदी सरकार ने 'स्वच्छ भारत अभियान' के अंतर्गत स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए भगीरथ प्रयास किए। स्वच्छ जीवनशैली के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। आज इनका प्रभाव दिख रहा है। इन योजनाओं ने स्वच्छता से जुड़े कई नवाचारों को प्रोत्साहित किया है जो धीरे-धीरे जन-जन के जीवन का हिस्सा बन रहे हैं। 'मेक इन इंडिया' अभियान के ...
हिन्दी पट्टी में भाजपा की जीत के मायने

हिन्दी पट्टी में भाजपा की जीत के मायने

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- ऋतुपर्ण दवे निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव के नतीजों से अगर सबसे ज्यादा किसी में उत्साह होगा तो वह है भाजपा। उसमें भी मध्य प्रदेश के नतीजों ने तो जैसे भाजपा के उत्साह में सुनामी ला दी। बहरहाल यह मोदी मैजिक ही है जिसने हिन्दी पट्टी वाले राज्यों में विपक्ष या कहें कि नवगठित इंडिया गठबंधन के सपने धराशायी कर दिए। माना कि मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना ने कमल के लिए कमाल का काम किया, लेकिन छत्तीसगढ़ में आखिर ऐसा क्या हुआ जो गाय, गोबर, गोठान, महतारी योजना, आत्मानन्द स्कूलों के बाद भी नतीजे एकदम उम्मीद से इतर आए? जबकि राजस्थान में जादूगर अशोक गहलोत का चलते दिख रहे जादू पर भाजपा का जादू भारी पड़ गया। तेलंगाना में जरूर कांग्रेस को झोली में उम्मीद से ज्यादा हासिल मिला। शायद भारत की यही विविधता है। विश्लेषण के लिहाज से इन नतीजों के मायने काफी गहरे हैं। इन्हें 2024 के आम चुनाव से जोड़ा जाएगा...
मप्र विस चुनावः कांग्रेस का मतलब भ्रष्टाचार, अत्याचार और अनाचारः जेपी नड्डा

मप्र विस चुनावः कांग्रेस का मतलब भ्रष्टाचार, अत्याचार और अनाचारः जेपी नड्डा

देश, मध्य प्रदेश, राजनीति
भोपाल (Bhopal)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) ने कहा कि कांग्रेस का मतलब (Congress means) है करप्शन (corruption), भ्रष्टाचार (atrocities), अत्याचार (malpractices), अनाचार, आपके हकों पर डाका। कांग्रेस जहां रहेगी वहां भ्रष्टाचार तो होना ही है। कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक सिक्के के दो पहलू हैं। दूसरी तरफ भाजपा (BJP) का मतलब है आपकी तरक्की, आपका विकास, आपकी सरकार और आपके साथ प्रदेश को आगे बढ़ाना। इसलिए ये चुनाव सिर्फ उषा ठाकुर को विधायक बनाने का चुनाव नहीं है, बल्कि ये मध्यप्रदेश को आने वाले समय में और तेजी से आगे बढ़ाने का चुनाव है। भाजपा अध्यक्ष नड्डा मंगलवार शाम को इंदौर जिले के महू में पार्टी प्रत्याशी उषा ठाकुर के समर्थन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने यहां विशाल रोड शो भी किया। नड्डा ने कहा कि सभा में बड़ी संख्या में हमारे नौजवान स...
हमास के इजरायल पर हमले के मायने

हमास के इजरायल पर हमले के मायने

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- ललित मोहन बंसल इजरायल की सुरक्षा एजेंसियां गच्चा क्यों खा गयीं ? गाजा स्थित हमास आतंकवादियों ने अकस्मात इजरायल के दक्षिण में गाजा पट्टी के साथ लगी बस्तियों पर जमीनी हमले और तेल अवीव तथा यरुशलम की यहूदी बस्तियों पर एक साथ दो हजार राकेट दाग कर एक ‘निर्णायक’ युद्ध की दावत दे दी है। शनिवार तड़के जैसे ही इजरायली नींद से उठे, उन्हें अपने इर्द-गिर्द के शहरों और बस्तियों और खास कर देश के दक्षिणी हिस्से की क़रीब एक दर्जन उपनगरों से आ रही मातमी खबरों ने उद्धेलित कर दिया। इस हमले पर इजरायल के कुशल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने त्वरित कार्रवाई में हमास आतंकवादियों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। ये ही नेतान्याहू एक सप्ताह पूर्व अमेरिकी प्रस्ताव पर सऊदी अरब और इजरायल एक टेबल पर आने, मध्य पूर्व एशिया में शांति स्थापना के लिए गाजा में हमास आतंकवादियों को कुछेक रियायतें दिलवाने की कोशिश में जुटे...
भाजपा के मध्य प्रदेश मॉडल के मायने

भाजपा के मध्य प्रदेश मॉडल के मायने

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- ऋतुपर्ण दवे क्या देश के अगले आम चुनाव के लिए दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में नया प्रयोग करने जा रही है? क्या यही प्रयोग राजस्थान व छत्तीसगढ़ में भी होगा? मध्य प्रदेश विधानसभा उम्मीदवारों की हालिया सूची में बड़े-बड़े नाम यहां तक केन्द्रीय मंत्री, सांसद और संगठन के छत्रपों के जारी हुए हैं। इससे न केवल दूसरे प्रतिद्वंद्वी दलों की सांसें अटकी हुईं हैं बल्कि खुद भाजपा के संभावित दावेदार भी हक्का-बक्का हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यह एक तीर से कई निशाने लगाने जैसा है। निश्चित रूप से भाजपा जो दांव खेल रही है वह भारत की राजनीति में कइयों को अटपटा या नया भले लगे लेकिन हवा का रुख भांपने वालों का मानना है कि राजनीतिक बैरोमीटर पर संभावित आंधी-तूफान के संकेत भांपते हुए ही ऐसा बड़ा कदम उठाया होगा? फिलाहाल टिकट वितरण को लेकर मध्य प्रदेश मॉडल की जहां पूरे देश...
मालदीव में भारत विरोधी मुहिम का चेहरा मोइज्जू की जीत के मायने

मालदीव में भारत विरोधी मुहिम का चेहरा मोइज्जू की जीत के मायने

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- संजीव पूर्व और पश्चिमी देशों के बीच मुख्य शिपिंग मार्ग पर स्थित हिंद महासगर में 1100 से ज्यादा छोटे-बड़े द्वीपों से बने मालदीव के चुनाव नतीजों ने प्याली में तूफान की रंगत ला दी है। प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के उम्मीदवार और देश के मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह चुनाव हार गए हैं। भारत समर्थक माने जाने वाले मोहम्मद सोलिह को पीपुल्स नेशनल कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद मोइज्जू ने हराया है। राजधानी माले के मेयर मोइज्जू को चीन का प्रबल समर्थक माना जाता है। मोइज्जू हमेशा से चीन के साथ मजबूत संबंधों पर जोर रहे हैं। मालदीव के चुनावी नतीजों ने भारत की चिंता इसलिए बढ़ा दी है क्योंकि भारत और चीन, दोनों ही देशों के लिए मालदीव की भौगोलिक स्थिति का रणनीतिक महत्व है। दोनों देश दशकों से यहां अपना दबदबा बढ़ाने का प्रयास करते रहे हैं। चीन बीआरआई के साथ कर्ज व तेल आपूर्ति के जरिये अपना प...
गुलाम नबी आजाद के मर्म को समझो भाई

गुलाम नबी आजाद के मर्म को समझो भाई

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- हृदयनारायण दीक्षित गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि, 'इस्लाम का जन्म 1500 साल पहले हुआ था। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इसी देश के हैं। भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे, बाद में मतांतरित हो गए।' कांग्रेस का साथ छोड़कर डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) बनाने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का बयान महत्वपूर्ण है। आजाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है, 'पहले कश्मीर में कोई मुसलमान नहीं था। वहां सभी कश्मीरी पंडित थे। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इस देश के हैं। हम बाहर से नहीं आए हैं। इसी मिट्टी की पैदावार हैं। इसी मिट्टी में खत्म होना है। हिन्दू धर्म प्राचीन है।' आजाद की यह वाकई महत्वपूर्ण और तटस्थ टिप्पणी है, क्योंकि हिन्दू संस्कृति एक है। अनेक रूपों वाली यह संस्कृति सर्वसमावेशी है। अपनी मूल आत्मा में...

जनसंख्या विस्फोट का अभिप्राय, दुश्वारियां और नेमतें

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- गिरीश्वर मिश्र आजकल जनसंख्या का आधिक्य या विस्फोट चर्चा का विषय बना हुआ है। यह निश्चय ही एक अवांछनीय स्थिति होती है जब धरती की धारण शक्ति या क्षमता की अपेक्षा उस पर रहने वाले मनुष्यों की संख्या बढ़ जाती है । आज तकनीकी प्रगति ने जीवन की प्रत्याशा को बढ़ाने में विशेष मदद की है। मानव इतिहास में जन्म और मृत्यु दर एक दूसरे को संतुलित करते रहे हैं और ऐसी जनसंख्या वृद्धि हो जो टिकाऊ हो। आज के दौर में विकासशील देश विकसित देशों की तुलना में जनसंख्या की वृद्धि से अधिक प्रभावित हो रहे हैं। विकसित श्रेणी में आने वाले देशों में थोड़ी-थोड़ी जनसंख्या के साथ यूरोप और अमेरिका के क्षेत्रों में ऐसे अनेक देश हैं जो आर्थिक, शैक्षिक और तकनीकी विकास की सीढ़ी पर ऊंचे पायदान पर पहुंचे हुए हैं। उदाहरण के लिए इजरायल जैसे छोटे से देश को लें जो एक नया देश बना और देखते-देखते अपनी पुरानी भाषा हिब्र्रू के साथ ज्ञान-वि...