मध्य प्रदेश ने जलाई हिंदी की मशाल
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु के क्रमशः मुख्यमंत्री, मंत्री और नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि उनके प्रदेशों पर हिंदी न थोपी जाए। ऐसा उन्होंने इसलिए किया है कि संसद की राजभाषा समिति ने केंद्र सरकार की भर्ती-परीक्षाओं में हिंदी अनिवार्य करने और आईआईटी तथा आईआईएम शिक्षा संस्थाओं में भी हिंदी की पढ़ाई को अनिवार्य करने का सुझाव दिया है।
एक तरफ दक्षिण भारत से हिंदी विरोध की यह आवाज उठ रही है और दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने भारत के भाषाई अंधकार में हिंदी की मशाल जला दी है। उन्होंने एक गजब का एतिहासिक कार्य करके दिखा दिया है। उन्होंने और उनके स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के प्रयत्नों से एमबीबीएस के पहले वर्ष की किताबों के हिंदी संस्करण का भोपाल में 16 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह विमोचन करेंगे। गृहमंत्री के तौर पर राजभाषा...