Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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संकल्प से सिद्धि के बेमिसाल आठ साल

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री संकल्प से सिद्धि की दृष्टि से मोदी सरकार के आठ साल बेमिसाल रहे हैं। यह सरकार अपने संकल्प के अनुरूप गरीबों के प्रति समर्पित रही है। अर्थिक स्वावलंबन का अभियान चलाया गया। गरीबों के जीवनस्तर को ऊपर उठाने के प्रयास किए गए। मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की गई। पद्म सम्मानों का अभूतपूर्व अध्याय शुरू हुआ। नरेन्द्र मोदी को दो बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चयन का अवसर मिला। दोनों बार उन्होंने समाज के वंचित वर्ग को सम्मानित किया। पहले रामनाथ कोविंद और वनवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचाया। रामनाथ कोविंद के सम्मान में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रात्रि भोज में इन आठ सालों की झलक दिखाई दी। भोज में मौजूद पद्म पुरस्कार विजेताओं, आदिवासी समुदाय के नेताओं और अन्य लोगों का प्रधानमंत्री ने स्वागत किया। ऐसे रात्रिभोज...

कारगिल विजय दिवस: झुंझुनू के लाल, बहादुरी में बेमिसाल

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- रमेश सर्राफ धमोरा देश रक्षा के लिये सेना में शहादत देना राजस्थान की परम्परा रही है। झुंझुनू जिले के गांवों में लोक देवताओं की तरह पूजे जाने वाले शहीदों के स्मारक इस परम्परा के प्रतीक हैं। इस जिले के वीरों ने बहादुरी का जो इतिहास रचा है उसी का परिणाम है कि भारतीय सैन्य बल में उच्च पदों पर सम्पूर्ण राजस्थान की ओर से झुंझुनू जिले का ही वर्चस्व रहा है। झुंझुनू जिले में प्रारम्भ से ही सेना में भर्ती होने की परम्परा रही है तथा यहां के गांवों में घर-घर में सैनिक होता था। सेना के प्रति यहां के लगाव के कारण अंग्रेजों ने यहां एक सैनिक छावनी की स्थापना कर ‘शेखावाटी ब्रिगेड ‘का गठन किया था। जिले के वीर जवानों को उनके शौर्य के लिये समय-समय पर अलंकरणों से नवाजा जाता रहा है। अब तक इस जिले के कुल 120 से अधिक सैनिकों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। यह पूरे देश में किसी एक जिले में सर्वाधिक संख्या...