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देश में कम आयुवर्ग की बच्चियों के विवाह में यह भी देखें, किस समाज में सबसे ज्यादा सुधार होना है

देश में कम आयुवर्ग की बच्चियों के विवाह में यह भी देखें, किस समाज में सबसे ज्यादा सुधार होना है

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- डॉ. निवेदिता शर्मा संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट कुछ समय पहले ही आई है, जिसके आंकड़े बता रहे हैं कि वैश्विक अनुमान के अनुसार करोड़ों लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है। इनमें से एक तिहाई मामले अकेले भारत के हैं। भारत को लेकर रिपोर्ट कहती है कि 20 करोड़ से अधिक महिलाओं का विवाह बचपन में ही हो गया था । विश्व स्तर पर सतत विकास लक्ष्य रिपोर्ट 2024 के अनुसार, पांच में से एक लड़की की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है, जबकि 25 वर्ष पहले यह संख्या चार में से एक थी। इस सुधार ने पिछली तिमाही सदी में लगभग 68 करोड़ बाल विवाहों को रोके जाने पर विभिन्न एजेंसियों ने काम किया है। इन प्रगतियों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि दुनिया लैंगिक समानता के मामले में पीछे रह गई है। लैंगिक असमानता के क्षेत्र में भी चुनौतियां व्याप्त हैं। सर्वेक्षण वाले 120 देशों में से लगभ...
विवाह भारतीय समाज की मजबूती का आधार

विवाह भारतीय समाज की मजबूती का आधार

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- हृदयनारायण दीक्षित आधुनिक सभ्यता के प्रभाव शुभ नहीं हैं। जीवन के सभी आयामों में आधुनिकता का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। परिवार खूबसूरत संस्था है। लेकिन आधुनिकता की चपेट में है। वस्तुतः आधुनिकता प्राचीनता का ही हिस्सा है और उसी का विकास है। भारत प्राचीन सभ्यता है। इस सभ्यता का सतत् विकास हुआ है। आधुनिकता और प्राचीनता को खण्डों में नहीं बांटा जा सकता। प्राचीन सभ्यता से विकसित होकर बनने वाली आधुनिकता स्वागत योग्य है। लेकिन वर्तमान भारत की आधुनिकता में विदेशी सभ्यता की वरीयता है। यह प्राचीन भारतीय सभ्यता, दर्शन और अनुभूति को पिछड़ापन मानती है। उधार की विदेशी आधुनिकता ने राष्ट्रजीवन के सभी क्षेत्रों को कुप्रभावित किया है। ऋग्वेद के रचनाकाल के पहले ही भारत की संस्कृति और सभ्यता का विकास हो चुका था। भारतीय सभ्यता में परिवार आत्मीय संगठन थे। परिवार के सभी सदस्यों के एक साथ रहने और रमने के सूत्र ...
मप्र में धूमधाम से मनाई गई देवउठनी एकादशी, गन्ने के मंडप में हुआ तुलसी-शालिग्राम विवाह

मप्र में धूमधाम से मनाई गई देवउठनी एकादशी, गन्ने के मंडप में हुआ तुलसी-शालिग्राम विवाह

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में गुरुवार को देवउठनी एकादशी का पर्व धूमधाम (Devuthani Ekadashi festival pomp) से मनाया गया है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में सुबह से जहां लोगों ने जहां पर्व की तैयारियां की, तो वहीं देर शाम घर-घर में गन्नों के मंडप में वैदिक रीति (Vedic tradition in sugarcane pavilion) से तुलसी व शालिग्राम का ब्याह (Marriage of Tulsi and Shaligram) रचाया गया। मान्यता के अनुसार, भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Shri Hari Vishnu) पांच माह की निद्रा से जाग गए। इसके साथ चातुर्मास का भी समापन हो गया। साथ ही शादी ब्याह, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, नामकरण जैसे मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट गई। अब मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। पौराणिक कथा के अनुसार, देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और चतुर्मास बैकुण्ठ धाम में विश्राम करते ...
केन्द्रीय मंत्री तोमर की सुपुत्री की शादी में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज

केन्द्रीय मंत्री तोमर की सुपुत्री की शादी में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- राजनाथ सिंह समेत कई केन्द्रीय मंत्री, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी हुए शादी में शामिल ग्वालियर (Gwalior)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) मंगलवार शाम को संक्षिप्त प्रवास पर ग्वालियर (Gwalior) आए। वे यहाँ मेला ग्राउण्ड में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री (Union Agriculture and Farmers Welfare Minister) नरेन्द्र सिंह तोमर की सुपुत्री (daughter of Narendra Singh Tomar) निवेदिता तोमर (Nivedita Tomar) के विवाह समारोह (Marriage ceremony) में शामिल हुए। उन्होंने वर-वधु को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखद दाम्पत्य जीवन की कामना की। विवाह समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख ...
मप्रः लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को 21 साल के बाद विवाह तक हर माह मिलेंगे 1000 रुपये

मप्रः लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को 21 साल के बाद विवाह तक हर माह मिलेंगे 1000 रुपये

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि लाड़ली लक्ष्मी बेटियों (Ladli Lakshmi Daughters) को 21 वर्ष के बाद उनके विवाह तक 1000 रुपये प्रति माह (Rs 1000 per month till marriage) देने की योजना पर विचार किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य है कि लाड़ली लक्ष्मी बेटी को किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना जन्म लेने से 21 वर्ष तक के लिए है। लाड़ली बहना योजना 23 वर्ष से 60 वर्ष तक की विवाहित महिलाओं के लिए प्रारंभ की गई है। उद्देश्य यह है कि 21 वर्ष के बाद लाड़ली लक्ष्मी बेटी को उसके विवाह होने तक 1000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएँ, जिससे उसे आर्थिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को शिव शक्ति संवाद म...
सहमति से संबंधों पर नए नैरेटिव के निहितार्थ

सहमति से संबंधों पर नए नैरेटिव के निहितार्थ

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- डॉ. अजय खेमरिया देश में हर साल बाल विवाह होते हैं और इसे रोकने के लिए सख्त कानून भी बना हुआ। क्या बाल विवाह की संख्या को देखते हुए देश में बेटियों के विवाह की आयु 18 से घटाकर 16 कर दी जानी चाहिये? लेकिन सरकार तो विवाह की आयु अब बढ़ा कर 21 करने जा रही है ताकि देश की बेटियां शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से विवाह एवं परिवार के लिए तुलनात्मक रूप से उपयुक्त रहे। एक पक्ष लड़के और लड़कियों की आयु में एकरूपता का भी है क्योंकि अभी विवाह के लिए लड़के की आयु 21 साल निर्धारित है। इस कानून में एक देशज तत्व यह भी है कि हमारे यहां यौन संबन्धों के लिए आयु और सामाजिकी की वैधता भी विवाह संस्कार से सीधी और गहरी जुड़ी है। भारत के ज्ञात इतिहास से आज के चरम आधुनिक दौर तक लोक जीवन में तमाम बुराइयों के बावजूद यह कदापि स्वीकार नहीं किया गया है कि भारतीय परिवार पश्चिम की तरह 16 साल की आयु वाले अपने बच्चों को यौन...
शादी में जाति और धर्म का बंधन क्यों?

शादी में जाति और धर्म का बंधन क्यों?

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक महाराष्ट्र सरकार ने एक 13 सदस्यीय आयोग बना दिया है, जिसका काम यह देखना है कि देश में जितनी भी अंतरजातीय और अन्तर्धामिक शादियां होती हैं, उन पर कड़ी निगरानी रखी जाए। यदि उनके रिश्तेदारों या पति-पत्नी के बीच हिंसा या अनबन की शिकायतें आएं तो उन पर ध्यान दिया जाए। इस आयोग की अध्यक्षता भाजपा के महिला और बालविकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा करेंगे। इस आयोग का उद्देश्य यह बताया जा रहा है कि इस तरह की शादियों पर कड़ी निगरानी रखकर यह आयोग उनके विवादों को सुलझाने की कोशिश करेगा और औरतों के अधिकारों की रक्षा करेगा। यह आयोग उक्त प्रकार की शादियों की सारी जानकारियां और आंकड़े भी इकट्ठे करेगा। इस अपने ढंग के आयोग की स्थापना देश में पहली बार महाराष्ट्र सरकार ने की है, जो भाजपा और शिवसेना (नई) के गठबंधन से बनी है। इन दोनों पार्टियों ने लव जिहाद के खिलाफ जिहाद छेड़ रखा है। वास्तव में छल-कपट ...
सहजीवन की अंधी सुरंग

सहजीवन की अंधी सुरंग

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- ह्रदय नारायण दीक्षित विवाह और सहजीवन (लिव इन) पर चर्चा हो रही है। वह भी विवाह पर कम और सहजीवन पर ज्यादा। वैसे विवाह में सहजीवन होता है। विवाह रहित कोरा सहजीवन या लिव इन अधूरा है। इस सहजीवन में कोई बंधन नहीं। यह स्वच्छंद है। सामान्य आकर्षण का कड़वा परिणाम है। आकर्षण का आधार रूप होता है। रूप अस्थाई होता है। आपस में कुछ आश्वासन, यथार्थ से दूर कोरी कल्पनाएं। न बैंड, न बाजा, न बरात। न माता-पिता के आशीष। न वरिष्ठों का शुभकामना प्रसाद। न सामाजिक समर्थन। न मंगल गीत-न उपहार। दो और सिर्फ दो का संवाद और सहजीवन की अंधी सुरंग में प्रवेश। यह उत्तर आधुनिकता का नशा है। कई अभिनेत्रियों ने लिव इन में फंस कर आत्महत्या भी की थी। सम्प्रति श्रद्धा हत्याकांड चर्चा में है। अपराधी और अपराध की चर्चा ज्यादा है। इसके मूल कारण की तरफ लोगों का ध्यान नहीं है। कटे अंग पुलिस खोज रही है। ऐसी घटनाएं सामान्य हो रही हैं। ले...