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विशेष: हाशिये पर मजदूर, प्रगति कैसे हो भरपूर

विशेष: हाशिये पर मजदूर, प्रगति कैसे हो भरपूर

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- योगेश कुमार गोयल प्रतिवर्ष 01 मई को विश्व श्रमिक दिवस मनाया जाता है। इसे बहुत जगह ‘मई दिवस’ भी कहा जाता है। यह दिवस समाज के उस वर्ग के नाम है, जिसके कंधों पर सही मायनों में विश्व की उन्नति का दारोमदार है। इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति तथा राष्ट्रीय हितों की पूर्ति का प्रमुख भार इसी वर्ग के कंधों पर होता है। वर्तमान मशीनी युग में भी उनकी महत्ता कम नहीं है। श्रमिक दिवस और श्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने कहा था कि किसी व्यवसाय को ऐसे देश में जारी रहने का अधिकार नहीं है, जो अपने श्रमिकों से जीवन निर्वाह के लिए आवश्यक मजदूरी से भी कम मजदूरी पर काम करवाता है। जीवन निर्वाह के लिए आवश्यक मजदूरी से उनका आशय सम्मानपूर्वक जीवन निर्वाह के लिए आवश्यक मजदूरी से था। इस दिवस पर यह जानना भी दिलचस्प है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिक दिवस कब से और ...