भारत दूरसंचार प्रौद्योगिकी का निर्यातक बनने की ओर अग्रसर
- प्रहलाद सबनानी
भारत में डिजिटल क्रांति ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में बहुत प्रभावी भूमिका निभाई है। भारतीय अर्थव्यवस्था, आज डिजिटल क्रांति के बलबूते ही, विश्व में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच, सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। डिजिटल क्रांति ने भारत में वित्तीय समावेशन को बहुत आसान बना दिया है एवं आज भारत वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में पूरे विश्व को राह दिखा रहा है। विकासशील देश तो आज वित्तीय समावेशन की सफलता के क्षेत्र में भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं कि वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में भारत किस प्रकार उनकी मदद कर सकता है।
डिजिटल क्रांति से ही भारतीय अर्थव्यवस्था का औपचारीकरण भी सम्भव हो सका है। जिसके चलते, वस्तु एवं सेवा कर का संग्रहण प्रति माह औसतन 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है तथा प्रत्यक्ष करों के संग्रहण में भी अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोच...