Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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सरकार के उपायों से खिलौना निर्यात और निर्माण बढ़ा

सरकार के उपायों से खिलौना निर्यात और निर्माण बढ़ा

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)।सरकार के अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण आदेश एवं सीमा शुल्क में वृद्धि जैसे उपायों से खिलौना निर्यात और निर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिली है, लेकिन इस क्षेत्र के लिए अब भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में फ्लिपकार्ट और भारतीय खिलौना उद्योग के साथ आयोजित कार्यशाला के दौरान यह बात कही। सिंह ने कहा कि वह इस क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत राजकोषीय प्रोत्साहन बढ़ाने के प्रस्ताव पर तत्परता से काम कर रहे हैं। डीपीआईआईटी ने बढ़ते भारतीय खिलौना क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से फ्लिपकार्ट और भारतीय खिलौना उद्योग के साथ कार्यशाला का आयोजन किया। विचार-विमर्श में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि भारतीय खिलौना उद्योग के विकास को ब...
केंद्र का लक्ष्य भारत को मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज के लिए आकर्ष गंतव्य बनाना : सीतारमण

केंद्र का लक्ष्य भारत को मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज के लिए आकर्ष गंतव्य बनाना : सीतारमण

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री (Union Finance and Corporate Affairs Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने भारत (India) को मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज (Manufacturing and services) के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए नीतियां तैयार की हैं। सीतारमण ने कहा कि न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी उत्पादन करने पर सरकार का जोर है। सीतारमण ने गुजरात के अहमदाबाद में '2047 में भारतीय अर्थव्यवस्था के पूर्वानुमान पर संवाद' कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियां बनाई गई हैं। हम चाहते हैं कि विनिर्माता और निवेशक न केवल भारत के लिए, बल्कि यहां से निर्यात करने के लिए भी आएं और उत्पादन करें। हम नीतियों के माध्यम से विनिर्माताओं और निवेशकों...
भारत में सुधारों की रफ्तार से ‘लॉजिस्टिक्स’ गुलजार

भारत में सुधारों की रफ्तार से ‘लॉजिस्टिक्स’ गुलजार

अवर्गीकृत
- सुमिता डावरा भारत आज विकास की ऊंची उड़ान भरने को तैयार है। वैश्विक स्तर पर सभी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत की लॉजिस्टिक्स संबंधी रेटिंग बेहतर होते जाने के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स से जुड़ी इसकी बाधाएं दूर होती जा रही हैं। मैन्यूफैक्चरिंग और व्यापार के क्षेत्र में भारत की वैश्विक स्थिति बुनियादी ढांचे और निर्यात-आयात (एक्जिम) संबंधी लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाने से संबंधित सुधारों के साथ गहराई से जुड़ी हुई है। बुनियादी ढांचे को अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण विकास इंजन के रूप में पहचानते हुए, प्रधानमंत्री की गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जैसे सुधारों ने सामानों एवं यात्रियों की आवाजाही के लिए लॉजिस्टिक्स से जुड़े बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स संबंधी सेवाओं में सुधार पर ध्यान केन्द्रित किया है। और बहुत ही कम समय में, इन सुधारों के परिणाम दिखाई देने लगे है...