मोदी युग में राम-रीति से भारत का नवनिर्माण
- विष्णुदत्त शर्मा
बचपन से ही घर के बड़े-बुजुर्गों से प्रभु श्री राम की कीर्ति, शौर्य और प्रभुता की बातें सुनता रहता था। युवा अवस्था के प्रारंभ में बताया गया कि आक्रांताओं ने अयोध्या में आक्रमण करके भगवान श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर बने मंदिर को बर्बरतापूर्वक तोड़कर मस्जिद का विवादित ढांचा बनाया गया था। यह बात सुनने के बाद से ही मन उद्वलित रहने लगा कि हमारे आराध्य और रोम-रोम में बसने वाले भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर हुआ आक्रमण सनातन और हमारी आस्था पर आक्रमण था। इसके बाद से ही राष्ट्रीयता की विचारधारा से प्रेरित होकर कॉलेज में पहुंचते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अध्ययन के साथ ही श्रीराम जन्मभूमि का मुद्दा पूरी तरह से समझा। उसके उपरांत वर्ष 1992 में एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने कानपुर पहुंचा तो मुझे भी कारसेवा करने का सुअवसर प्रा...