Monday, November 25"खबर जो असर करे"

Tag: ‘Mann Ki Baat’

एनडीए सरकार और मोदी-3.0 की `मन की बात’

एनडीए सरकार और मोदी-3.0 की `मन की बात’

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- ऋतुपर्ण दवे मोदी मंत्रिमण्डल का गठन जरूर हो गया लेकिन कयासों का दौर खत्म नहीं हुआ। एक बार में ही 72 सदस्यीय भारी-भरकम मंत्रिमण्डल की वजह लोग कुछ भी बताएं लेकिन यह नरेन्द्र मोदी की चतुराई कही जाएगी जो उन्होंने एकबारगी सारे किन्तु-परन्तु पर विराम लगा एक तीर से कई निशाने साधे। इससे न केवल सहयोगियों बल्कि भाजपा के आनुषांगिक संगठनों को भी बड़ा संदेश गया कि भले सीटें घटीं लेकिन मोदी की हैसियत वही है। घटक दलों के सहयोगियों का मोदी के तीसरे कार्यकाल में मंत्रिमण्डल बंटवारे में मिले पद और कद से भी काफी भ्रम टूटा। साफ दिखा कि नरेन्द्र मोदी ने जो चाहा वो किया। जिस शांति और धैर्य से घटक दलों के साथ पहली बैठक हुई, प्रमुख दोनों सहयोगी नीतीश और चंद्रबाबू ने मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े, उससे राजनीतिक नब्ज टटोलने वालों की भी धड़कनें असहज हुई। हमउम्र और राजनीति में मोदी से सीनियर होने के बावजूद नीतीश ...
‘मन की बात’ और ‘पन्ना की तमन्ना’

‘मन की बात’ और ‘पन्ना की तमन्ना’

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- मुकुंद साल 1973 में एक फिल्म आई थी-हीरा पन्ना। इस फिल्म में एक गीत है 'पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाये...।' यहां जिक्र मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के पन्ना जिले का हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के संबोधन के 24 घंटे बाद पन्ना से बड़ी खबर निकल कर आई है कि यहां केन नदी के घड़ियाल अभयारण्य में अब सबसे आधुनिक घड़ियाल ब्रीडिंग सेंटर बनेगा। इसकी कवायद भी शुरू हो गई है। इस अभयारण्य को लुप्तप्राय घड़ियाल या भारतीय मगरमच्छ का घर कहा जाता है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने 25 फरवरी (रविवार) को 'मन की बात' में जीवन में तकनीक के महत्व की बात की। उन्होंने अपने संबोधन में डिजिटल गैजेट्स की सहायता से वन्य जीवों के साथ तालमेल बिठाने का जिक्र किया। कहा- तीन मार्च को विश्व वन्य जीव दिवस मनाया जाएगा। इस साल इसकी थीम में डिजिटल इनोवेशन को सर्वोपरि रखा गया है। देश में ...
लालकिला से प्रधानमंत्री के मन की बात

लालकिला से प्रधानमंत्री के मन की बात

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- ऋतुपर्ण दवे लालकिला की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस बार का उद्बोधन काफी अलग था। यूँ कहें कि नए मिजाज और नए रिवाज साथ के साथ मन की बात तो गलत नहीं होगा। हर बार से अलग ‘परिवार जनों’ से शुरुआत कर इतना संकेत दे दिया कि वे न केवल अलग बोलेंगे बल्कि ऐसा बोलेंगे, जिसके राजनीतिक मायने बहुत गहरे होंगे। अपनी सरकार की उपलब्धियों का खाका खींचते हुए बड़ी बेबाकी से 2014 से अब तक के सफर पर प्रकाश डाला। मणिपुर का भी जिक्र कर जताया कि वो भी उतने चिंतित हैं जितने दूसरे। गुलामी के एक हजार वर्षों की बात कह उन्होंने कहा कि हम ऐसे संधिकाल में हैं जहाँ आगे के हजार साल की दिशा तय करनी है। युवाओं का कई बार जिक्र कर भरोसा जताते हुए कहा दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जहां 30 वर्ष के युवा जनसंख्या में अधिक हैं, यही हमारी ताकत हैं। इनकी कोटि-कोटि भुजाएं और मस्तिष्क की क्षमताएँ देश को दुनिया में अलग ...
मन की बात में श्रावण मास

मन की बात में श्रावण मास

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम में विविध विषय शामिल होते हैं। वह देश में होने वाले विशेष कार्यों का उल्लेख करते हैं। इसके माध्यम से वह व्यापक संदेश देते हैं। लोगों को जागरूक करते हैं। इस बार उन्होंने श्रावण मास की चर्चा की। इसमें श्री काशी विश्वनाथ धाम और उज्जैन का उल्लेख किया। इसमें पौधरोपण और जल संरक्षण का भी संदेश था। अमेरिका से वापस मिलीं मूर्तियां मोदी की विदेश नीति की सफलता है। मुस्लिम महिलाओं को हज यात्रा की विशेष सुविधा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब का आधार व्यक्त किया। 'मन की बात' में उत्तर प्रदेश के भी संदर्भ थे। इनका महत्व केवल इस प्रदेश तक सीमित नहीं था। बल्कि देश के लिए भी इनका महत्व है। शायद इसीलिए प्रधानमंत्री ने इनका विशेष रूप से उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीती 22 जुलाई क...
प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ और नव जागरण

प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ और नव जागरण

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- मृत्युंजय दीक्षित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' ने अपनी 100 कड़ियां सफलतापूर्वक पूर्ण कर इतिहास रच दिया। यह आकाशवाणी के इतिहास का ऐसा कार्यक्रम बना जिसमें प्रधानमंत्री ने आम जनता से सीधा संवाद किया और इसे राजनीति से पृथक रखा। यह एक सुखद अनुभव है कि 'मन की बात' भारत में बदलाव का बड़ा संवाहक बना। भारतीय समाज को निराशा और अंधकार से निकालने में मदद दी। विकास और प्रगति को नए पंख दिए। 'मन की बात' से भारत की सांस्कृतिक विरासत पुनर्जीवित हुई।भूली परम्पराएं फिर याद आईं। हिंदू सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पुनर्जागरण हुआ। जैसे दूरदर्शन के इतिहास में रामायण धारावाहिक संपूर्ण भारत में लोगों को घरों में टीवी सेट के सामने बैठा देता था, वैसे ही आज हर माह के अंतिम रविवार को लोग 'मन की बात' को सुनने के लिए बैठ जाते हैं। ऐसा नहीं है कि 'मन की बात' को केवल मोदी समर्थक ही सुन...
‘मन की बात’ यूं ही नहीं बनी जन-जन की बात

‘मन की बात’ यूं ही नहीं बनी जन-जन की बात

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- प्रो. जसीम मोहम्मद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दुनिया के सबसे अग्रणी नेताओं में सर्वाधिक लोकप्रिय और प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने अपनी कार्यशैली और अनूठी पहल से वैश्विक राजनीतिक मंच पर अलग पहचान स्थापित की है। प्रधानमंत्री ने भारतीय राजनीति में अनेक दूरगामी कठोर निर्णयों के साथ सामाजिक एवं सांस्कृतिक नवाचार के विविध आयोजनों में सदैव लीक से हटकर कुछ न कुछ नया करने का प्रयास किया है। अनेक अवसरों पर अपने निर्णयों से सहयोगियों के साथ अपने प्रतिद्वंद्वियों को न केवल चौंकाया, बल्कि आश्चर्यचकित किया है। प्रधानमंत्री की अग्रगामी सोच और अनूठी पहल का उत्कृष्ट उदाहरण है, उनका मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’। यह उनकी कार्यशैली को लेकर अलग प्रतिमान स्थापित करता है। आज 'मन की बात' रेडियो-टेलीविजन के माध्यम से सुना जाने वाला सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम है। इससे नियमित जुड़ने वालों श्रोताओं और दर्शकों...
‘मन की बात’ और राष्ट्रबोध

‘मन की बात’ और राष्ट्रबोध

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- डॉ. सौरभ मालवीय किसी भी राष्ट्र की उन्नति के लिए आवश्यक है कि प्रधानमंत्री की बात सीधे जनता तक पहुंचे और जनता की बात सीधे उन तक तक पहुंचे। इससे दोनों के मध्य तालमेल बना रहता है। इससे जनता को पता चलता है कि प्रधानमंत्री उनके लिए क्या सोचते हैं तथा उनके लिए क्या कार्य करे रहे हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री को ज्ञात होता है कि जनता को उनसे क्या अपेक्षा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विचारों के धनी हैं। उनकी वाकपटुता अद्भुत है। उनके भाषणों में उनके इस सद्गुण को देखा जा सकता है। वह ‘मन की बात’ नामक रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न विषयों पर जनता से बात करते हैं। मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने जनता से सीधा संपर्क करने के लिए आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया था। प्रथम बार अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के माध्यम से जनता को संबोधित किया गया। 30 अप्र...
‘मन की बात’ के माध्यम से लोगों को स्वस्थ भारत की प्रेरणा

‘मन की बात’ के माध्यम से लोगों को स्वस्थ भारत की प्रेरणा

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- डॉ. विनोद के. पॉल स्वास्थ्य और विकास आपस में जुड़े हुए हैं- केवल स्वस्थ नागरिक ही किसी राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार इस आदर्श के लिए प्रतिबद्ध है और भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए अथक प्रयास किया है। प्रधानमंत्री हमारे लोगों के स्वास्थ्य में लगातार सुधार पर अत्यधिक जोर देते हैं और उन्होंने भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्राथमिकता से संचालित कार्यवाही सुनिश्चित की है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए गहरे संरचनात्मक और निरंतर सुधार किए हैं और देश भर में सैचुरेशन लेवल का कवरेज प्राप्त करने के लिए अनुकूल रणनीतियों को भी लागू किया है। सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है। आज, केवल बीमारों का इलाज करने के बजाय ह...