Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Mallikarjun Kharge

खड़गे का बयान और कांग्रेस की हताशा

खड़गे का बयान और कांग्रेस की हताशा

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- आशीष वशिष्ठ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 29 जनवरी को भुवनेश्वर में थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा- ‘2024 लोकसभा चुनाव लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका होगा। अगर इस चुनाव में भाजपा जीती तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस देश में दोबारा चुनाव नहीं होने देंगे। वे एक तानाशाह की तरह इस पर रोक लगाएंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष के बयान से देश की सबसे पुरानी और सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पार्टी की हताशा, निराशा और पराजय स्पष्ट झलकती है। कांग्रेस अध्यक्ष जब यह कहते हैं कि मोदी दोबारा सत्ता में आए तो कोई चुनाव नहीं होगा। आपके पास मतदान का आखिरी मौका है। ऐसा बयान देते समय शायद खड़गे अपनी ही पार्टी का चरित्र, आचरण, कृत्य और इतिहास भूल जाते हैं। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में लगभग छह दशक कांग्रेस ने देश की सत्ता को संभाला। इस कालावधि में उसने लोकतंत्र को कमजोर और कलंकित करने के एक नहीं कई काम किय...
स्वाधीनता संघर्ष: कांग्रेस और वास्तविक इतिहास

स्वाधीनता संघर्ष: कांग्रेस और वास्तविक इतिहास

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- डॉ. राघवेंद्र शर्मा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान ने देश में बहस छेड़ दी है कि भारत को आजादी दिलाने में सिर्फ कांग्रेस का ही योगदान रहा। साथ में उन्होंने यह भी कह दिया कि भाजपा, संघ अथवा किसी और का एक कुत्ता भी मरा हो तो उसका नाम बता दें। उनके इस अमर्यादित बयान ने एक बार फिर यह बात उजागर कर दी है कि कांग्रेस देश को आजादी दिलाने का श्रेय स्वयं के पास रख किसी अन्य सेनानी को इतिहास में स्थान नहीं देना चाहती है। आज देश को इस सत्य से अवगत कराने का वक्त आ गया है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत कांग्रेस ने की ही नहीं। सही मायने में तो इसकी शुरुआत कांग्रेस की स्थापना से बहुत पहले हो चुकी थी। जिसमें सभी वर्गों ने यथा क्षमता भाग लिया और कुर्बानियां दीं। बावजूद हमें पाठ्य-पुस्तकों में यह पढ़ाया जाता रहा कि देश को कांग्रेस ने स्वतंत्र कराया। उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों...
कांग्रेस पर कायम गांधी परिवार!

कांग्रेस पर कायम गांधी परिवार!

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- डॉ. प्रभात ओझा कांग्रेस अध्यक्ष पद पर मल्लिकार्जुन खड़गे का चुना जाना पहले से ही तय माना जा रहा था। ऐसा हुआ भी। अशोक गहलोत की उम्मीदवारी की घोषणा और फिर उनके मैदान से हट जाने के बाद नामांकन के सिर्फ एक दिन पहले खड़गे के पर्चा दाखिले के वक्त से ही यह आमतौर पर स्पष्ट हो चला था। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान एकाधिक बार शशि थरूर ने इस ओर संकेत कर यह बताने की कोशिश की थी कि खड़गे आधिकारिक उम्मीदवार माने जा रहे हैं। ऐसा कांग्रेस के कुछ निवर्तमान पदाधिकारियों के खड़गे के साथ दिखाई देने के आधार पर कहा गया। इससे अलग और साफ संकेत राहुल गांधी के बयान से भी मिला, जिस पर मीडिया अथवा कांग्रेस पार्टी के अंदर चुनाव प्रणाली पर नजर रखने वालों का कम ध्यान गया। राहुल गांधी भारत जोड़ो पदयात्रा पर हैं। अपने भविष्य की भूमिका के बारे में पत्रकारों के पूछे जाने पर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह मल्लिकार्जुन खड़गे...
कांग्रेसः फिर चक्का जाम

कांग्रेसः फिर चक्का जाम

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक मल्लिकार्जुन खड़गे अब कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे, यह तो तय ही है। यदि अशोक गहलोत बन जाते तो कुछ कहा नहीं जा सकता था कि कांग्रेस का क्या होता? गहलोत को राजस्थान के कांग्रेस विधायकों के प्रचंड समर्थन ने महानायक का रूप दे दिया था लेकिन गहलोत भी गजब के चतुर नेता हैं, जिन्होंने दिल्ली आकर सोनिया गांधी का गुस्सा ठंडा कर दिया। उन्हें अध्यक्ष की खाई में कूदने से तो मुक्ति मिली ही, उनका मुख्यमंत्री पद अभी तक तो बरकरार ही लग रहा है। अध्यक्ष बनने के बाद खड़गे की भी हिम्मत नहीं पड़ेगी कि वे गहलोत पर हाथ डालें। गहलोत और कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेता भी उम्मीदवारी का फार्म भरनेवाले खड़गे के साथ-साथ पहुंच गए। यानी समस्त संतुष्ट और असंतुष्ट नेताओं ने अपनी स्वामिभक्ति प्रदर्शित करने में कोई संकोच नहीं किया। यह ठीक है कि शशि थरूर और त्रिपाठी ने भी अध्यक्ष के चुनाव का फार्म भरा है लेकिन सब...