महावीर जयंती: प्रासंगिक हैं तीर्थंकर भगवान महावीर के विचार
- योगेश कुमार गोयल
‘अहिंसा परमो धर्म’ का सिद्धांत प्रतिपादित करने वाले भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन आज सर्वाधिक प्रासंगिक और जरूरी प्रतीत होता है, मानव अपने स्वार्थ के वशीभूत कोई भी अनुचित कार्य करने और अपने फायदे के लिए हिंसा के लिए भी तत्पर दिखाई देता है। प्रतिवर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जैन धर्म के जानकारों के अनुसार भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व बिहार के कुंडलपुर के राजघराने में हुआ था। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 03 अप्रैल की प्रातः 6ः24 बजे शुरू होगी, जिसका समापन 04 अप्रैल की प्रातः 8ः05 बजे होगा। ऐसे में महावीर जयंती 04 अप्रैल को है।
भगवान महावीर ने जीवन पर्यन्त अपने अमृत वचनों से समस्त मानव जाति को ऐसी अनुपम सौगात दी, जिन पर अमल करके मानव चाहे तो...