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MP: महाशिवरात्रि पर 7.35 लाख श्रद्धालुओं ने किए भगवान महाकाल के दर्शन

MP: महाशिवरात्रि पर 7.35 लाख श्रद्धालुओं ने किए भगवान महाकाल के दर्शन

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व (festival of mahashivratri) धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर प्रदेशभर के शिव मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। उज्जैन के महाकाल मंदिर (Mahakal Temple of Ujjain) से लेकर ओंकारेश्वर, रायसेन के भोजपुर मंदिर और सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम तक में लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े। उज्जैन में ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर (Jyotirlinga Lord Mahakaleshwar Temple) के पट रात ढाई बजे ही पट खुल गए थे। भस्म आरती के साथ ही मंदिर में सुबह से ही लाखों श्रद्धालुओं के आने का दौर चालू रहा, जो शनिवार दोपहर तक यानी 44 घंटे लगातार जारी रहेगा। प्रातः चलित भस्मारती में लगभग 40 हज़ार दर्शनार्थियों ने दर्शन किए। रात 10 बजे तक लगभग 7 लाख 35 हजार दर्शनार्थियों ने श्री महाकालेश्वर भगवान के ...
भगवान शिव-दुर्गा नाटिका की अद्भुत प्रस्तुति से हुआ महाशिवरात्रि का सफल आगाज: मुख्यमंत्री

भगवान शिव-दुर्गा नाटिका की अद्भुत प्रस्तुति से हुआ महाशिवरात्रि का सफल आगाज: मुख्यमंत्री

देश, मध्य प्रदेश
- विक्रमोत्सव में अभिनेत्री हेमा मालिनी की अद्भुत नृत्य प्रस्तुति ने मोहा सबका मन भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि सुप्रसिद्ध अभिनेत्री एवं सांसद पद्मश्री हेमा मालिनी (Padmashree Hema Malini) की भगवान शिव-दुर्गा नाटिका (Lord Shiva-Durga drama) की अद्भुत प्रस्तुति (Amazing presentation ) से महाकाल की नगरी में महाशिवरात्रि पर्व (Mahashivratri festival) का सफल आगाज हुआ है। हेमा मालिनी सहित साथी कलाकारों की भव्य प्रस्तुति से महाशिवरात्रि की शोभा को और बढ़ा दिया हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव गुरुवार की रात उज्जैन के पॉलिटेक्निक कॉलेज में विक्रमोत्सव अंतर्गत आयोजित भगवान शिव-दुर्गा नाटिका की प्रस्तुति कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में हेमा मालिनी की समस्त कलाकारों को पुष्पगगुच्छ और सम्राट विक्रमादित्य की प्रतिमा भेंट कर सम...
महाशिवरात्रि: लोक कल्याण के देव हैं शिव

महाशिवरात्रि: लोक कल्याण के देव हैं शिव

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ महाशिवरात्रि भगवान शिव का त्यौहार है। देश के सभी प्रदेशों में महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के साथ नेपाल, मारीशस सहित दुनिया के कई अन्य देशों में भी महाशिवरात्रि मनाते हैं। हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। हिन्दू पुराणों के अनुसार इसी दिन सृष्टि के आरंभ में मध्यरात्रि में भगवान शिव ब्रह्मा से रुद्र के रूप में प्रकट हुए थे। इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि कहा जाता है। शिवरात्रि के प्रसंग को हमारे वेद, पुराणों में बताया गया है कि जब समुद्र मन्थन हो रहा था उस समय समुद्र में चौदह रत्न प्राप्त हुए। उन रत्नों में हलाहल भी था। जिसकी गर्मी से सभी देव दानव त्रस्त होने लगे। तब भगवान शिव ने उसका पान किया। उन्होंने लोक कल्याण की भावना से अपने को उत्सर्ग कर दिया। इसलिए उनको महादेव कहा जाता है। जब हलाहल को उन्होंने ...
महाशिवरात्रि: शिवतत्व का मर्म मंगलकारी

महाशिवरात्रि: शिवतत्व का मर्म मंगलकारी

अवर्गीकृत
- सुरेन्द्र किशोरी देवाधिदेव महादेव शिव का अर्थ कल्याण होता है। इस शिवतत्व को जीवन में उतारने वाले का अमंगल कभी नहीं होता। व्यक्ति धीरे-धीरे आत्मोन्नति करता हुआ चरम लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। महाशिवरात्रि का वास्तविक उद्देश्य यही है। महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन कृष्णा चतुर्दशी को होता है। शिव का स्थान हिंदू धर्म में सर्वोपरि है। शिव ही ऐसे देवता हैं, जो संपत्ति और वैभव के बदले त्याग और अकिंचनता को वरण करते हैं। वह सर्वशक्तिमान हैं। शिव का तीसरा नेत्र बड़ी से बड़ी शक्ति को जलाकर राख करने की क्षमता रखता है। यह सब होने पर भी शिव सदा नंगे-दिगंबर, दीन-हीन, भूत-प्रेतों के साथी बने रहते हैं। उन्होंने अमृत को त्यागकर जहर पिया। हाथी तथा घोड़े को छोड़कर बैल की सवारी स्वीकार की। हीरा, मोती, रत्नों को त्यागकर सर्प और नरमुंडों का आभूषण अपनाया। महाशिवरात्रि का पर्व हम सबको लोभ, मोह, लालसा के स्थान प...