जयंती विशेष: समग्र क्रांति के अग्रदूत महर्षि दयानंद
- डॉ. मोक्षराज
गुजरात के गांव टंकारा में जन्मा एक ऐसा महापुरुष जिसके तर्क आज भी अकाट्य हैं। दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त कवि प्रदीप ने ऋषि गाथा लिख व गाकर, बाबू देवेंद्रनाथ मुखोपाध्याय, रक्तसाक्षी पं. लेखराम, पं. घासीराम, मुंशी प्रेमचंद एवं कविवर मेथिलीशरण गुप्त ने लेखबद्ध कर गुजरात की धरती में जन्मी इस दिव्य आत्मा का गुणकीर्तन किया है ।
पाश्चात्य देशों में चर्चितः महर्षि दयानंद सरस्वती भारत के प्रथम महामानव थे जिनके बारे में 19वीं सदी के अमेरिकी एवं यूरोप के अखबारों में सबसे अधिक चर्चा रहती थी और इस चर्चा का प्रमुख कारण था महर्षि का क्रांतिकारी व्यक्तित्व ।
जन्मस्थली टंकाराः महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी, 1824 को तत्कालीन मोरवी राज्य के टंकारा गांव में हुआ । उनके पिता का नाम करसन तिवारी तथा मां का नाम यशोदा बेन उर्फ अमृतबाई था । वे औदीच्य ब्राह्मण थे ।
महान मार्गदर्शकः ज...