महाराणा प्रताप: राजपूत आन-बान-शान के ध्वजावाहक
- रमेश सर्राफ धमोरा
भारतीय इतिहास में राजपूताना का गौरवपूर्ण स्थान रहा है। यहां के रणबांकुरों ने देश, जाति, धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने में संकोच नहीं किया। वीरों की इस भूमि में राजपूतों के छोटे-बड़े अनेक राज्य रहे हैं, जिन्होंने भारत की स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया। इन्हीं राज्यों में मेवाड़ का अपना अलग ही स्थान है। इसमें महाराणा प्रताप जैसे महान वीर ने जन्म लिया था। मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप अपने पराक्रम और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में मिसाल के तौर पर जाने जाते हैं। एक ऐसे राजपूत राजा जो जीवन पर्यन्त मुगलों से लड़ते रहे, जिसने जंगलों में रहना पसंद किया, लेकिन कभी विदेशी मुगलों की गुलामी स्वीकार नहीं की थी। उन्होंने देश, धर्म और स्वाधीनता के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया था।
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में सिसोदिया कुल में हुआ था। उनके...