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महाराणा प्रताप: राजपूत आन-बान-शान के ध्वजावाहक

महाराणा प्रताप: राजपूत आन-बान-शान के ध्वजावाहक

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा भारतीय इतिहास में राजपूताना का गौरवपूर्ण स्थान रहा है। यहां के रणबांकुरों ने देश, जाति, धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने में संकोच नहीं किया। वीरों की इस भूमि में राजपूतों के छोटे-बड़े अनेक राज्य रहे हैं, जिन्होंने भारत की स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया। इन्हीं राज्यों में मेवाड़ का अपना अलग ही स्थान है। इसमें महाराणा प्रताप जैसे महान वीर ने जन्म लिया था। मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप अपने पराक्रम और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में मिसाल के तौर पर जाने जाते हैं। एक ऐसे राजपूत राजा जो जीवन पर्यन्त मुगलों से लड़ते रहे, जिसने जंगलों में रहना पसंद किया, लेकिन कभी विदेशी मुगलों की गुलामी स्वीकार नहीं की थी। उन्होंने देश, धर्म और स्वाधीनता के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया था। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में सिसोदिया कुल में हुआ था। उनके...
युवा पीढ़ी तक पहुंचे महाराणा प्रताप व वीर योद्धाओं के शौर्य की जानकारी: मुख्यमंत्री

युवा पीढ़ी तक पहुंचे महाराणा प्रताप व वीर योद्धाओं के शौर्य की जानकारी: मुख्यमंत्री

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि शौर्य और साहस (bravery and courage) के प्रतीक महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) और अन्य योद्धाओं का जीवन प्रेरक (inspirational life of other warriors) था। इनके योगदान की जानकारी युवा पीढ़ी तक पहुँचना चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार देर शाम अपने निवास कार्यालय समत्व भवन में आगामी 22 मई को भोपाल के लाल परेड मैदान पर होने वाले महाराणा प्रताप जयंती समारोह की तैयारी की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने तैयारियों की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर और विधायक रामपाल सिंह उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे महाराणा प्रताप हों या रानी पदमावती, इनके शौर्य से जन-जन को अवगत करवाने के लिए संस्कृति विभाग द्वारा विशेष कार्यक्रम किये जाए। वीरत...