Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Mahaprayan

स्मृति शेषः भारत के क्रान्तिऋषि आचार्य धमेंद्र का महाप्रयाण

अवर्गीकृत
- संजय तिवारी वह कवि थे। लेखक थे। प्रखर वक्ता थे। भाषाविद थे। संत थे। वास्तव में आधुनिक भारत में क्रान्तिऋषि के रूप में थे जिनसे बहुत लोगों ने बोलना और व्याख्यान देना सीखा है। श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के इस महानायक के महाप्रयाण की सूचना बहुत दुखद है। गोरखपुर में मेरी पत्रकारिता के आरंभिक दिन थे जब आचार्य धर्मेंद्र जी से मिलने और उनके साथ लंबे संवाद का अवसर मिला। इस मुलाकात में ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर पूज्य महंत अवेद्यनाथ जी ने पितृभूमिका निभाई थी जिसके कारण आचार्यश्री से निकटता हो गयी। हिंदी, अरबी, फारसी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा पर समान रूप से नियंत्रण रखने वाले आचार्य धर्मेंद्र जब बोलते थे तो श्रोता उनमें ही बहता चला जाता था। गजब की ओजस्विता थी। अद्भुत अलंकृत भाषा और अदम्य साहस। जबकि उन दिनों प्रखर हिंदुत्व की शैली में बात करना किसी अपराध से कम नहीं था। श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समि...