बदलाव की बयार में इंडिया से प्यारा है ‘हिन्दुस्थान’
- राजीव खंडेलवाल
देश में ही नहीं वरन विश्व में भारत के अभी तक के सर्वाधिक लोकप्रिय और किसी क्रिया-प्रतिक्रिया की चिंता किए बिना अनोखी शैली व कार्यपद्धति से कुछ असंभव (जैसे राम मंदिर का निर्माण, तीन तलाक, अनुच्छेद 370 की समाप्ति) से लगते ठोस कार्य करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर न केवल स्वयं को ‘‘कर्तव्य बोध’’ का एहसास दिलाया, बल्कि सबको भी अपना कर्तव्य निभाने के लिए एक संदेश भी दिया। यह बात उनके भाषण से स्पष्ट रूप से झलकती भी है। अब तय आपको करना है कि '' मैं '' अपने कर्तव्य का पालन करने में सफल हूं अथवा विफल?
प्रधानमंत्री ने ‘कर्तव्य पथ’ के नामकरण व ‘सेंट्रल विस्टा एवेन्यू’ के उद्घाटन कार्यक्रम में एक नहीं तीन महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं। प्रथम, ब्रिटिश इंडिया के जमाने की गुलामी की प्रतीक राजपथ वर्ष 1955 के पूर्व किंग्स-वे नाम से जानी जाती थी। इसका न...