सात समंदर पार से अपनों के लिए उमड़ता प्यार
- आर.के. सिन्हा
अब लगभग हर रोज मीडिया में भारत से बाहर बसे भारतीयों की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर खबरें होती हैं। विश्व बैंक का अध्यक्ष बनने से लेकर किसी देश का राष्ट्राध्यक्ष, प्रधानमंत्री, सांसद वगैरह बन रहे हैं भारतीय। बात यहां तक ही सीमित नहीं है। संसार के कोने-कोने में रहने वाले भारतीयों ने अपने देश के खजाने को अपने पैसे से लबालब भर दिया है। रिजर्व बैंक के फरवरी, 2023 तक के आंकड़े बता रहे हैं कि रिजर्व बैंक का एनआरआई डिपाजिट 136 अरब रुपये हो चुका है। एनआरआई का मतलब है नॉन रेजीडेंट इंडियन (अप्रवासी भारतीय) है। साफ है लगभग तीन करोड़ भारतवंशी तथा एनआरआई अपने वतन को खुशहाल करने का ठोस काम कर रहे हैं। इसलिए यह समझना गलत होगा कि वे सात समंदर जाते ही भारत को भूल जाते हैं।
ऐसा नहीं है। वे कहीं भी चले जाएं, पर रहते भारतीय ही हैं। उनकी पहचान भारतीय के रूप में होती है। वे भी गर्व करते हैं कि उन्ह...