Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Lord Shri Ram

सदैव अनुकरणीय रहेंगे भगवान श्रीराम के आदर्श

सदैव अनुकरणीय रहेंगे भगवान श्रीराम के आदर्श

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल समूचे भारतवर्ष में प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष नवमी को रामनवमी का त्यौहार भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो इस वर्ष 17 अप्रैल को मनाया जा रहा है। मान्यता है कि त्रेता युग में इसी दिन अयोध्या के महाराजा दशरथ की पटरानी महारानी कौशल्या ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को जन्म दिया था। रामनवमी के दिन श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में उत्सवों का विशेष आयोजन होता है, जिनमें भाग लेने के लिए देशभर से हजारों भक्तगण अयोध्या पहुंचते हैं। अयोध्या के भव्य राम मंदिर में जनवरी में हुई भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार पहली बार रामनवमी बेहद खास होगी। समूची अयोध्या नगरी इस दिन पूरी तरह राममय नजर आएगी और हर तरफ भजन-कीर्तन तथा अखण्ड रामायण के पाठ की गूंज सुनाई पड़ेगी। रामनवमी के अवसर पर भगवान राम के दर्शन के लिए इस बार लाखों लोगों के अयोध्या पहुंचने क...
प्रभु श्रीराम का आगमन, सब में एक, एक में सब

प्रभु श्रीराम का आगमन, सब में एक, एक में सब

अवर्गीकृत
- प्रोफेसर शेख अकील अहमद जैसे ही दुनिया ने नए साल 2024 की शुरुआत की, भारत भारतीय मूल्य प्रणाली के लोकाचार को संस्थागत बनाने के लिए भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण को पूरा करने की एक शानदार ऐतिहासिक परियोजना में लगा हुआ है, जिसने युगों से देश की विविध समग्रता के व्यापक विचार को बरकरार रखा है। वास्तव में सामाजिक बंधनों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सांस्कृतिक अस्मितावादी खोज को अब भगवान श्रीराम के मानवीय संदेशों और मजबूत सांस्कृतिक मानदंडों के लिए उनके व्यापक रुख के माध्यम से अभिव्यक्ति मिलेगी। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का हिंदुओं के लिए बहुत महत्व हो सकता है और यह होना भी चाहिए, लेकिन हमें इससे आगे देखना चाहिए और मंदिर को एक स्मारक के रूप में सराहना चाहिए और भारत माता की सभ्यतागत यात्रा पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है, जिसमें हमारे भावनात्मक और सांस्क...
उत्कृष्ट जीवन की प्रेरणा हैं श्रीराम

उत्कृष्ट जीवन की प्रेरणा हैं श्रीराम

अवर्गीकृत
- डॉ. वंदना सेन प्रायः कहा जाता है कि जीवन हो तो भगवान श्रीराम जैसा। जीवन जीने की उच्चतम मर्यादा के पथ प्रदर्शक भगवान श्रीराम के जीवन पर दृष्टिपात करेंगे तो निश्चित ही हमें कई पाथेय दिखाई देंगे, लेकिन इन सबमें सामाजिक समरसता का आदर्श उदाहरण कहीं और दिखाई नहीं देता। अयोध्या के राजा श्रीराम ने अपने जीवन से अनुशासन और विनम्रता का जो चरित्र प्रस्तुत किया, वह आज भी समाज के लिए एक दिशाबोध है। वनवासी राम का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक समरसता का अनुकरणीय पाथेय है। श्रीराम ने वनगमन के समय प्रत्येक कदम पर समाज के अंतिम व्यक्ति को गले लगाया। केवट के बारे में हम सभी ने सुना ही है, कि कैसे भगवान राम ने उनको गले लगाकर समाज को यह संदेश दिया कि प्रत्येक मनुष्य के अंदर एक ही जीव आत्मा है। बाहर भले ही अलग दिखते हों, लेकिन अंदर से सब एक हैं। यहां जाति का कोई भेद नहीं था। वर्तमान में जिस केवट समाज को वंचित समुदाय...
दीपोत्सव : 17 लाख दीपों से जगमगाई प्रभु श्रीराम की अवधपुरी, 15.56 लाख दीपो से बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

दीपोत्सव : 17 लाख दीपों से जगमगाई प्रभु श्रीराम की अवधपुरी, 15.56 लाख दीपो से बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

देश
-सरयू तीरे...जले आस्था, आह्लाद और आत्मीयता के दीप -प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी दीप जलाया अयोध्या। अद्भुत, अलौकिक, अविस्मरणीय... कल्पनातीत सौंदर्य। 17 लाख दीपों (17 lakh lamps) से जगमगाती रामनगरी (Glittering Ramnagari) को जिसने भी देखा, अपलक निहारता ही रह गया। श्रद्धालु हों या सैलानी, सभी अवधपुरी (Awadhpuri) के कण-कण, रज-रज में अपने राम को निहार रहे थे यानी हर ओर राम, सब में राम, जय श्रीराम। रविवार को अयोध्या दीपोत्सव (Ayodhya Deepotsav) में आस्था, आह्लाद और आत्मीयता के दीप जले। श्री राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण कार्य 50 फीसदी पूरे होने के उपरांत सहज आह्लाद के साथ आत्मीयता के भावों को संजोए हुए आराध्य प्रभु के प्रति आस्था निवेदित करते हुए सरयू तीरे जल रहे 17 लाख दीपों के बीच निहाल श्रद्धालुओं का हर्ष, उमंग और उल्लास देखते ही बन रहा...

राममंदिर और बदली अयोध्या के हर स्वरूप में विद्यमान रहेंगे प्रभु श्रीराम

अवर्गीकृत
(5 अगस्त: भूमिपूजन की दूसरी सालगिरह पर विशेष) - गिरीश पाण्डेय पांच अगस्त 2020, अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्यतम राममंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संत समाज एवं गणमान्य लोगों की मौजूदगी में भूमि पूजन की ऐतिहासिक तारीख। इस शुभ घड़ी की देश-दुनिया के करोड़ों हिंदुओं को करीब 500 साल से प्रतीक्षा थी। वह मंदिर जिसके लिए 1528 से लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतिम फैसला आने तक कई संघर्ष हुए। इन संघर्षों में हजारों की संख्या में साधु-संतों और रामभक्त शहीद हुए। अयोध्या के उस जन्मभूमि पर अब भव्यतम राममंदिर का स्वरूप आकार लेने लगा है। बुनियाद का काम पूरा हो चुका है। जिस युद्धस्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसके निर्माण में रुचि ले रहे हैं। नियमित अंतराल पर इसकी प्रगति जानने अयोध्या जा रहे हैं उससे इस बात का पूरा भरोस...