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भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी का महत्व

भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी का महत्व

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में प्रतिवर्ष भाद्रपक्ष कृष्णाष्टमी को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। मान्यता है कि मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी ने कृष्ण को इसी दिन जन्म दिया था। भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी पर्व का इतना महत्व क्यों है, यह जानने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन और उनकी अलौकिक लीलाओं को समझना अनिवार्य है। बाल्याकाल से लेकर बड़े होने तक श्रीकृष्ण की अनेक लीलाएं विख्यात हैं। उन्होंने अपने बड़े भाई बलराम का घमंड तोड़ने के लिए हनुमान जी का आह्वान किया था, जिसके बाद हनुमान जी ने बलराम की वाटिका में जाकर बलराम से युद्ध किया और उनका घमंड चूर-चूर कर दिया था। श्रीकृष्ण ने नररकासुर नामक असुर के बंदीगृह से 16100 बंदी महिलाओं को मुक्त कराया था, जिन्हें समाज द्वारा बहिष्कृत कर दिए जाने पर उन महिलाओं न...
भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता पूरे विश्व में सबसे बड़ी मिसाल: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता पूरे विश्व में सबसे बड़ी मिसाल: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

देश, मध्य प्रदेश
- नारायणाधाम को ऐसा विकसित करें जिससे पूरे विश्व से लोग यहां दर्शन के लिये आएं: मुख्यमंत्री भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने रविवार शाम महिदपुर तहसील में भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता (Friendship of Lord Krishna and Sudama) के साक्षी रहे अत्यन्त प्राचीन नारायणाधाम मन्दिर (Very ancient Narayanadham temple) पहुंचकर दर्शन और पूजन-अर्चन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता पूरे विश्व में सबसे बड़ी मिसाल है। नारायणा में स्थित भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के मन्दिर और आसपास के परिसर को इस प्रकार विकसित किया जाए कि पूरे विश्व से लोग यहां दर्शन के लिये आएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उन्हें आज नारायणाधाम पहुंचकर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी तीज-त्यौहार अत्यन्त धूमधाम से मनाये जाएंगे। हमारे ...
भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़े स्थलों को तीर्थ के रूप में करेंगे विकसित: मुख्यमंत्री डॉ.. यादव

भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़े स्थलों को तीर्थ के रूप में करेंगे विकसित: मुख्यमंत्री डॉ.. यादव

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री ने इस्कॉन मंदिर में की भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना प्रदेश में अलग-अलग 17 स्थानों पर निकलेगी जगन्नाथ रथयात्रा भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ.. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने शनिवार को उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना कर आरती की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्री कृष्णा पाथेय योजना के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के सभी स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। इस अवसर पर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और इस्कॉन मंदिर के पुजारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में 2007 से शुरू भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की परंपरा जारी हैं। बड़े ही हर्ष और आनंद का विषय है कि इस बार भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ और बहन सुभद्रा के अलग-अलग तीन रथ निकलने जा रहे हैं। इसी प्रकार प्रदेश के अलग-अलग 17 स्थानों पर भी जगन्नाथ...