Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: live like this

कर्मयोगी श्रीकृष्ण: जियो तो ऐसे जियो!

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र सुख की चाह और दुःख से दूरी बनाए रखना जीवित प्राणी का सहज स्वाभाविक व्यवहार है जो पशु- मनुष्य सब में दिखाई पड़ता है। यह सूत्र जीवन के सम्भव होने की शर्त की तरह काम करता है। पर इसके आगे की कहानी हम सब खुद रचते हैं। आहार, निद्रा, भय और मैथुन के अलावा हम सब धन, दौलत, पद, प्रतिष्ठा, आदर, सम्मान, प्रेम, दया, दान आदि समाज जनित कामनाओं के इर्द-गिर्द निजी और सार्वजनिक जीवन ताना-बाना बुनते हैं। जिन्दगी खेने की सारी कशमकश इन्हीं को लेकर चलती रहती है। आज की दुनिया में हर कोई कुंठा और तनाव से जूझता दिख रहा है और उससे निपटने के लिए मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है। थोड़ा निकट से देखें तो यही बात उभर कर सामने आती है कि किसी न किसी तरह सभी अपनी स्थिति से असंतुष्ट हैं। कुछ लोग जितना है उसमें इच्छा से कम होने को लेकर तो कुछ लोग जो उनके पास नहीं है उसे पाने को लेकर। सबके साथ कुछ न कुछ ऐसा हो रहा ...