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मप्रः विधायक संजय पाठक को जान का खतरा.., बोले- मिल रही धमकियां

मप्रः विधायक संजय पाठक को जान का खतरा.., बोले- मिल रही धमकियां

देश, मध्य प्रदेश
कटनी। कटनी जिले (Katni district) के विजयराघवगढ़ (Vijayraghavgarh) से भाजपा विधायक संजय सतेन्द्र पाठक ( BJP MLA Sanjay Satendra Pathak) ने अपनी जान को खतरा बताया है। उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में धमकी मिली हैं और आसपास असमाजिक तत्वों रात को घूमते मिले हैं। इसको लेकर उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी है। विधायक पाठक ने बताया कि एक दिन पहले ही उनके आधार कार्ड में पता बदलने का मामला सामने आया था। जब उन्होंने बैंक के कार्य को लेकर आधार कार्ड निकलवाया तो उसमें कटनी पाठक वार्ड की जगह उनका पता पंजाब का कर दिया है। भाजपा विधायक ने बताया कि वे पाठक वार्ड, कटनी के निवासी हैं, यहीं का पता उनके आधार कार्ड पर भी लिखा हुआ था, लेकिन किसी ने आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर उनका पता बदल दिया है। उन्होंने बताया कि उनके आधार कार्ड में उनका पता बदलकर फ्लैट ...
महात्मा गांधी की जीवन दृष्टि

महात्मा गांधी की जीवन दृष्टि

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र गांधीजी का जन्म उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में हुआ था, आधी बीसवीं सदी तक के दौरान वे भारतीय समाज और राजनीति की धुरी बन गए और अब इक्कीसवीं सदी में हम सब उनके मिथक से रूबरू हो रहे हैं। विश्वव्यापी अंग्रेजी साम्राज्य से अहिंसक लड़ाई के साथ उनका स्वाधीन भारत का स्वप्न सत्य हुआ। देश में रचनात्मक बदलाव के लिए वे सबको साथ ले कर चलते रहे। उनकी स्वीकार्यता का दायरा आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक यानी जीवन के सभी क्षेत्रों में निरंतर बढ़ता गया। संयम और आत्म-बल के साथ कर्मवीर गांधी ने जो ठाना उसे पूरा करने के लिए सर्वस्व लगा दिया। समाज के स्तर पर मानव कर्तृत्व की विरल गाथा बना उनका निजी जीवन पीड़ा, संघर्ष और अनिश्चय से भरा था। देश के लिए समर्पण की मिसाल बने गांधीजी अंतिम जन की मानवीय गरिमा की रक्षा के लिए की मोर्चों पर डटे रहे। वे देश के विभाजन और आजादी के साथ शुरू हुई हिंसा से क्षुब्ध और...
अंतरराष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम दिवसः जीवन का वरण करें

अंतरराष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम दिवसः जीवन का वरण करें

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र वैसे तो आत्महत्या जैसी घटनाओं का विभिन्न संस्कृतियों में लम्बा इतिहास है, फिर भी समकालीन समाज में जिस तेज़ी से ये लगातार बढ़ रही है वह पूरे विश्व के लिए चिंता का बड़ा कारण हो रहा है। आत्महत्या की दिशा में आगे बढ़ना और उसे अंजाम देना बड़ा जटिल व्यवहार है। यह आर्थिक, पारिवारिक, धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में आ रहे तीव्र परिवर्तन के दबावों से जुड़ा हुआ है। भारत के संदर्भ में आधुनिकीकरण, धर्म की जगह सेकुलर दृष्टि को तरजीह और संयुक्त परिवार का नष्ट होना कुछ ऐसी घटनाएँ हैं जो हमारी सोच को उलट-पलट रहे हैं और व्यक्तिगत स्तर पर व्यवहार को नियंत्रित संयोजित करने की प्रक्रिया को कमजोर कर रहे हैं। औद्योगीकरण तथा नगरीकरण आदि ने समाज में विद्यमान एकीकरण या जोड़ने की क्षमता को लगातार कम किया है। अब व्यक्तिगत स्वातंत्र्य को बढ़ावा देते हुए व्यक्ति की निजी इच्छाओं को अधिक महत्व दिया जा रह...
सोशल मीडिया पर स्क्रॉल होती युवाओं की जिंदगी

सोशल मीडिया पर स्क्रॉल होती युवाओं की जिंदगी

अवर्गीकृत
- डॉ. सत्यवान सौरभ अगर आप समाज से अलग-थलग महसूस करते हैं, और सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे ऐप्स पर ज्यादा समय बिताते हैं तो एक नए शोध के अनुसार, इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। सोशल मीडिया से युवाओं में अवसाद बढ़ रहा है। फेसबुक से डिप्रेशन का खतरा 7 प्रतिशत बढ़ा है, फेसबुक से चिड़चिड़ापन का खतरा 20 प्रतिशत बढ़ा है। सोशल मीडिया ने मोटापा, अनिद्रा और आलस्य की समस्या बढ़ा दी है, 'फियर ऑफ मिसिंग आउट' को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं। स्टडी के मुताबिक सोशल मीडिया से सुसाइड रेट बढ़े है। इंस्टाग्राम से लड़कियों में हीन भावना आ रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से जांच करना और स्क्रॉल करना पिछले एक दशक में तेजी से लोकप्रिय गतिविधि बन गया है। अधिकांश लोगों द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग सोशल नेटवर्किंग साइटों के आदी हो जाने से हो रहा हैं। वास्तव में, सोशल मीडिया की लत एक व्यवहार...
देवी अहिल्या बाई का जीवन, व्यक्तित्व और चरित्र सबके लिए आदर्शः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

देवी अहिल्या बाई का जीवन, व्यक्तित्व और चरित्र सबके लिए आदर्शः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

देश, मध्य प्रदेश
- लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर त्रिशताब्दी समारोह का हुआ शुभारंभ भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्या बाई (Lokmata Devi Ahilya Bai) का व्यक्तित्व, जीवन और चरित्र हम सबके लिए आदर्श है। वह एक तपोनिष्ठ, धर्मनिष्ठ तथा कर्मनिष्ठ शासक, प्रशासक रही हैं। उनसे हम सबको प्रेरणा लेना चाहिये। धर्म के भाव के साथ शासन व्यवस्था (system government) चलाने का उन्होंने बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार देर शाम यहां इंदौर में लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर त्रिशताब्दी समारोह (Tricentenary celebrations) के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। वर्ष भर चलने वाले त्रिशताब्दी समारोह के दौरान पूरे देश में जगह-जगह माता अहिल्या बाई होल्कर के जीवन, उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया ...
सबके लिए आदर्श है अहिल्याबाई का जीवन

सबके लिए आदर्श है अहिल्याबाई का जीवन

अवर्गीकृत
- रमेश शर्मा संसार में कुछ ऐसी विभूतियां भी जन्मी हैं जो अवतारी तो नहीं थीं लेकिन उनका व्यक्तित्व और कृतित्व अवतारी शक्तियों के समतुल्य रहा । इंदौर की महारानी देवि अहिल्याबाई का व्यक्तित्व ऐसा ही था । उन्हें "देवि" किसी दरवारी कवि ने नहीं कहा, अपितु जन सामान्य ने कहकर पुकारा । उनका सादगीपूर्ण जीवन, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के लिये समर्पण जीवन, उनके द्वारा किये गये जन कल्याणकारी कार्य, विशेषकर किसानों और महिलाओं के हित में लिये गये उनके निर्णयों ने उनकी ओर पूरे भारत के शासकों का ध्यान आकर्षित किया । यह उनके व्यक्तित्व की विशेषता ही है कि आज लगभग तीन सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी वे जन सामान्य में सम्मान और श्रृद्धा का केन्द्र हैं। वे सही मायने में अजातशत्रु थीं। उनके जीवन के किसी प्रसंग पर, कोई नई नीति बनाने या निर्णय लेने के औचित्य पर अथवा उनकी कार्यशैली पर कभी किसी ने कोई नकारात्मक टि...
लू के थपेड़ों से जिंदगी की जंग हार जाते हैं डेढ़ लाख से अधिक लोग

लू के थपेड़ों से जिंदगी की जंग हार जाते हैं डेढ़ लाख से अधिक लोग

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा बात भले ही अजीब लगे पर यह सच्चाई है कि लू के थपेड़ों से डेढ़ लाख से अधिक लोग जिंदगी की जंग हार जाते हैं। वैसे तो दुनिया के सभी देश इससे प्रभावित हैं पर भारत, रूस और चीन इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं। प्रकृति के अत्यधिक और अंधाधुंध दोहन का परिणाम सामने आने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि धरती के बढ़ते तापमान से दुनिया के देश चिंतित ना हो या इससे बेखबर हो पर इसे संतुलित करने के प्रयासों में जो लक्ष्य हासिल किया जाना था वह अभी दूर की कौड़ी सिद्ध हो रहा है। हालात बेहद चिंतनीय और गंभीर है। भारत के साथ-साथ दुनिया के देश अब जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से दो चार होने लगे हैं। बेमौसम बरसात, तेज गर्मी, तेज सर्दी, आए दिन तूफानों का सिलसिला, भू-स्खलन, सुनामी, ग्लेशियरों से बर्फ का तेजी से पिघलना, भूकंपन, जंगलों में आए दिन दावानल और ना जाने क्या-क्या दुष्परिणाम सामने आते जा रहे हैं...
जीवन में रामत्व

जीवन में रामत्व

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- ऋचा सिंह श्रीराम को सनातन धर्म में विष्णु का अवतार माना गया है। लोग उनको भगवान और आराध्य मान कर पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन जब हम राम के सम्पूर्ण जीवन का अवलोकन करते हैं तो पाते हैं कि राम केवल पूजा के विषय नहीं हैं, वह अनुकरणीय हैं हर स्थिति काल में जीवन को दिशा प्रदान करने वाले प्रेरणा पुंज हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राम ने स्वयं को एक राजा और भगवान के अवतार के रूप में नहीं अपितु जननायक के रूप में स्थापित किया। हम उनके संपूर्ण जीवन में देखते हैं कि कैसे उन्होंने कठिन स्थितियों में भी मर्यादा के नूतन आयाम स्थापित किए। राजकुल में जन्म लेने के बाद भी राम ने अपना जीवन राजसी वैभव में नहीं बिताया। उनका बाल्यकाल आश्रम में व्यतीत हुआ, गुरुकुल में वह राजकुमारों की भांति नहीं अपितु सामान्य बालकों की भांति अपने और आश्रम के सारे कार्य करते थे। जब वह युवा हुए और राज्याभिषेक का समय आया तो उन्हें पिता...
हिन्दुत्व में है ‘मानवीय जीवन मूल्यों पर संकट का’ समाधान

हिन्दुत्व में है ‘मानवीय जीवन मूल्यों पर संकट का’ समाधान

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- हृदयनारायण दीक्षित मानवीय जीवन मूल्यों पर संकट है। इतिहास के किसी अन्य कालखण्ड में इस तरह का मानवीय संकट नहीं था। समाचार माध्यम भी जब कब विश्वयुद्ध की आशंका की बातें करते हैं। विचार ही मनुष्य जाति के वाह्य स्वरूप और आंतरिक उदात्त भाव के प्रसारक रहे हैं। विचार भी अपना प्रभाव खो रहे हैं। मानवीय सभ्यता आधुनिक काल का मनुष्य विरोधी प्रेरक तत्व बन गई है। वातावरण में निश्चिन्तता नहीं है। संदेह और अनिश्चितता का वातावरण है। मनुष्य जाति भविष्य के भय से डरी हुई है। धन का प्रभाव और धन का अभाव दोनों ही मारक हैं। मानवता का बड़ा भाग पर्याप्त भोजन से वंचित है। इस वर्ग में सामान्य चिकित्सा और शिक्षा, आश्रय-घर का अभाव है। आधुनिक सभ्यता के प्रभाव में अभावग्रस्त लोगों के सामने संकट है। विज्ञान के जानकार प्रकृति के तमाम रहस्य बता रहे हैं। निसंदेह वैज्ञानिक शोधों ने चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी उपलब्...