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लोगों को बेहतर सेवा देने के लिए स्थानीय भाषा सीखें कर्मचारी : सीतारमण

लोगों को बेहतर सेवा देने के लिए स्थानीय भाषा सीखें कर्मचारी : सीतारमण

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि कर्मचारियों (Employees) को स्थानीय भाषा सीखनी (learn local language) चाहिए, ताकि वे लोगों को बेहतर सेवाएं मुहैया (provide better services to people) करा सकें। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रही है और मौजूदा चुनौतियों के बावजूद भारत उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर है। वित्त मंत्री ने यहां रोजगार मेले में सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद यह बात कही। सीतारमण ने कहा कि नौकरी के लिए चयनित और जरूरत के अनुसार अन्य राज्यों में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को स्थानीय भाषा सीखनी चाहिए। इससे वे लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगे। उनहोंने उम्मीदवारों को तमिलनाडु स्थित सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी के लिए आवेदन करने को ...
नगालैंड से सारी दुनिया सीखे

नगालैंड से सारी दुनिया सीखे

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का डंका बज गया। यह देश ने देखा लेकिन वहां जो असली विलक्षण घटना हुई, उसकी तरफ लोगों का ध्यान बहुत कम गया। वह विलक्षण घटना यह है कि जिन पार्टियों ने चुनाव में एक-दूसरे का डटकर विरोध किया, उन्होंने भी मिलजुल कर अब नई सरकार बनाई है। इतना ही नहीं, वे छोटी-मोटी पार्टियां, जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा आदि का विरोध करती रही हैं, उन्होंने भी नगालैंड में ऐसी सरकार बनाई, जैसी दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में भी नहीं है। नगालैंड की ताजा सरकार ‘नेशनलिस्टिक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी’ के नेतृत्व में बनी है। उसके नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं। उनकी 60 सदस्योंवाली विधानसभा में एक भी सदस्य ऐसा नहीं है, जो कहे कि मैं विपक्ष में हूं या मैं विरोधी दल हूं। तो क्या हम यह मान लें कि रियो ने 60 की साठ सीटें जीत लीं? नहीं,...
करीब आते कैथोलिक-प्रोटेस्टेंट, कौन लेगा सीख

करीब आते कैथोलिक-प्रोटेस्टेंट, कौन लेगा सीख

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा उत्तर भारत के ईसाई समाज के लिए पिछली 2 नवंबर की तारीख विशेष रही। उस दिन जब सारी दुनिया के ईसाई 'ऑल सोल्स डे' मना रहे थे, तब हरियाणा के शहर रोहतक में कैथोलिक और प्रोटेस्टेट पादरी समुदाय के लोग मिलजुलकर इस त्योहार पर एक साथ बैठे। इन्होंने तय किया कि वे देश और अपने समाज के हित के लिये मिलकर प्रयास करते रहेंगे। ईसाई इस दिन कब्रिस्तानों में जाते हैं और अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। 'ऑल सोल्स डे' हिन्दुओं के पितृ पक्ष के श्राद्ध से मिलता-जुलता है। दरअसल ईसाई धर्म के दो मुख्य संप्रदायों- कैथोलिक तथा प्रोटेस्टेंट में कुछ बिन्दुओं पर मतभेद रहे हैं। कैथोलिक मदर मैरी की पूजा में भी विश्वास करते हैं। प्रोटेस्टेंट उन पर विश्वास नहीं करते हैं और उनके लिए मैरी केवल यीशु की भौतिक मां है। हां, दोनों संप्रदायों के लिए ईसा मसीह तथा बाइबिल परम आदरणीय हैं। कैथोलिक और प्रोटेस्ट...
महाराष्ट्र-गुजरात से सीखो, मत बांटों इन्हें

महाराष्ट्र-गुजरात से सीखो, मत बांटों इन्हें

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा महाराष्ट्र और गुजरात में आजकल निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने को लेकर स्वस्थ स्पर्धा चल रही है। यह अपने आप में सुखद है। ये दोनों राज्य 01 मई, 1960 को अलग-अलग प्रदेश के रूप में देश के मानचित्र में आने से पहले “बॉम्बे स्टेट” के ही अंग थे। यानी वे एक ही प्रदेश का हिस्सा थे। यह सब जानते हैं। ये भाषायी आधार पर अलग-अलग होने के बावजूद एक दूसरे के बेहद निकट हैं। हाल के दिनों में ही “टाटा एयरबस परियोजना” गुजरात के पाले में गई। यह परियोजना पहले महाराष्ट्र के लिए तय थी, जिसे बाद में गुजरात में स्थापित करने का फैसला किया गया। परियोजना की जगह में बदलाव को लेकर मचे विवाद के बीच महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने सफाई दी। शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र के औद्योगिक क्षेत्र के लिए बड़े निवेश की तैयारी है। टाटा एयरबस प्लांट के 1.5 लाख करोड़ रुपये की वेदांत-फॉक्सकॉन परियोजना के गुजरात के पा...