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बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का निधन, PM समेत तमाम नेताओं ने जताया शोक

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का निधन, PM समेत तमाम नेताओं ने जताया शोक

देश
नई दिल्ली (New Delhi)। बिहार (Bihar) के पूर्व उप मुख्यमंत्री (Former Deputy Chief Minister) और पूर्व राज्य सभा सांसद (former Rajya Sabha MP) सुशील मोदी (Sushil Modi) का सोमवार को देर रात निधन हो गया। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) (All India Institute of Medical Sciences - AIIMS) में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे 72 साल के थे। वे गले के कैंसर से पीड़ित थे और दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक्स पर पोस्ट कर उनके निधन की जानकारी दी। सुशील कुमार मोदी ने बीते तीन अप्रैल को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा था कि पिछले छह माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है। देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित। बिहार के ...
लोकसभा चुनाव में मर्यादा लांघते नेताओं के बयान

लोकसभा चुनाव में मर्यादा लांघते नेताओं के बयान

अवर्गीकृत
- सुरेश हिन्दुस्तानी देश में लोकसभा चुनाव प्रचार में राजनीतिक दलों में बयानों की आंधी सी चल रही हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने आपको आम जनता का हितैषी सिद्ध करने का प्रचार कर रहे हैं। इन बयानों में कहीं-कहीं राजनीति की मर्यादा का भी उल्लंघन भी होता दिख रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान सभी दल अपने-अपने हिसाब से ढोल पीटकर जनता को अपने पाले में लाने की कवायद कर रहे हैं। राजनीतिक दलों के बयान सुनने में अप्रमाणिक से लगते हैं। अभी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर जो बयान दिया है, वह उनकी राजनीतिक मजबूरी हो सकती है, लेकिन यह भी सही है कि इस बार के चुनाव में विपक्ष, सत्ता पक्ष पर किसी प्रकार का ठोस आरोप नहीं लगा पा रहा है। जहां तक चुनावी चंदे के भ्रष्टाचार की बात है तो इस खेल में सभी दल शामिल हैं। कहने का तात्पर्य है राजनीति में...
प्रधानमंत्री मोदी का एक माह में 85 देशों के नेताओं से मिलना

प्रधानमंत्री मोदी का एक माह में 85 देशों के नेताओं से मिलना

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 30 दिनों तक विदेशी नेताओं के साथ बैठकें कर जो संवाद स्थापित किया, उसने आज अपने आप में एक रिकार्ड बना लिया है। भारत को छोड़ कर दुनिया का शायद ही कोई देश होगा, जिसके प्रधानमंत्री या राष्ट्र प्रमुख ने एक माह में 85 देशों के प्रमुख नेताओं से संपर्क साधा और कूटनीति की कुर्सी पर अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उससे अपने लाभ के नितिगत निर्णयों में हां करवाई होगी। वस्तुत: इस संदर्भ में स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया भी कि कैसे पिछले 30 दिन में भारत की कूटनीति एक नयी ऊंचाई पर पहुंची है। जी-20 से पहले दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन हुआ और भारत के प्रयास से ब्रिक्स समुदाय में छह नए देश शामिल किए गए। दक्षिण अफ्रीका के बाद वह यूनान गए जो गत 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। पीएम मोदी ने बताया कि जी-20 शिखर...
दिल भी मिलें तो बने बात

दिल भी मिलें तो बने बात

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से पटना में 15 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हो चुकी है। इसमें शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए अगला लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने की बात कही है। बैठक में शामिल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को राष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त है, जबकि जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव), झारखंड मुक्ति मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रुमक, भाकपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, भाकपा (माले) अपने-अपने प्रदेशों में क्षेत्रीय दलों के रूप में मान्यता प्राप्त हैं। पटना की बैठक में शामिल 15 दलों की देश के 11 प्रदेशों में सरकार है। पिछले नौ साल में पहली बार यह दल एक मंच पर आए हैं। पटना में जुटे 15 दलों के लोकसभा में 142 सदस्य हैं। यह कु...
Pakistan: इमरान का साथ छोड़ने वाले नेताओं ने बनाई नई पार्टी

Pakistan: इमरान का साथ छोड़ने वाले नेताओं ने बनाई नई पार्टी

विदेश
इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) में नौ मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (former prime minister imran khan) की गिरफ्तारी के पश्चात देश में भड़की हिंसा के बाद कई नेताओं ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) (Pakistan Tehreek-e-Insaf Party (PTI)) से किनारा कर लिया और अब नई पार्टी बनाने की घोषणा की है। इस संगठन में शामिल होने वालों में फवाद चौधरी जैसे नेता भी शामिल हैं। ज्ञात रहे कि फवाद को इमरान के सबसे करीबी लोगों में गिना जाता था। पीटीआई छोड़ने वाले नेताओं ने सोमवार को 'डेमोक्रेट्स' नाम से एक नया संगठन बना लिया। पिछले महीने इमरान की पार्टी छोड़ने वाले पंजाब प्रांत के पूर्व गृह मंत्री हाशिम डोगर इस संगठन के प्रमुख हैं। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. मुराद रास भी शामिल हैं। अभी इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि यह संगठन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) या पाकिस्ता...
संतों और नेताओं की मिलीभगत ?

संतों और नेताओं की मिलीभगत ?

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के बयान पर हमारे अखबारों और टीवी चैनलों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नड्डा सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष हैं और जिस मुद्दे पर उन्होंने भाजपा को संबोधित किया है, वह मुद्दा उन सब मुद्दों से ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो अन्य नेतागण उठा रहे हैं। वह मुद्दा है- हिंदू राष्ट्र, हिंदू-मुस्लिम, हिंदू धर्मगुरुओं जैसे मुद्दों पर बयान आदि का। कई अन्य मुद्दे जैसे अडाणी, बीबीसी, शिवसेना, त्रिपुरा चुनाव आदि पर भी जमकर तू-तू-मैं-मैं का दौर चल रहा है। यह सब तात्कालिक मुद्दे हैं लेकिन जिन मुद्दों की तरफ भाजपा अध्यक्ष ने इशारा किया है, उनका भारत के वर्तमान से ही नहीं, भविष्य से भी गहरा संबंध है। यदि भारत में सांप्रदायिक विद्वेष फैल गया तो 1947 में इसके सिर्फ दो टुकड़े हुए थे, अब इसके सौ टुकड़े हो जाएंगे। इसके शहर-शहर, गांव-गांव और मोहल्ले-मोहल्ले टूटे हुए दिखाई पड़ेंगे।...
JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री समेत नेताओं ने व्यक्त किया शोक

JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री समेत नेताओं ने व्यक्त किया शोक

देश
नई दिल्ली (New Delhi)। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) (Janata Dal United (JDU)) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव (Former President Sharad Yadav) का निधन (death) हो गया। इसकी सूचना गुरुवार देर रात उनकी बेटी सुभाषिनी शरद यादव ने ट्वीट कर दी। फोर्टिस अस्पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार शरद यादव को अचेत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। उनकी शरीर में कोई मूवमेंट नहीं थी। एसीएलएस प्रोटोकॉल के तहत उन्हें सीपीआर दिया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में जेडीयू से उनका मतभेद हो गया था जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2018 में लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) पार्टी बनाई। शरद यादव ने 1999 और 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विभिन्न मंत्रालयों में कैबिनेट मंत्री का जिम्मा संभाला था। वह सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे। दिग्गज नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के न...
नेताओं की बदजुबानी कैसे रुके?

नेताओं की बदजुबानी कैसे रुके?

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया है कि कोई मंत्री यदि आपत्तिजनक बयान दे तो क्या उसके लिए उसकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है? यह मुद्दा इसलिए उठा था कि 2016 में आजम खान नामक उ.प्र. के मंत्री ने बलात्कार के एक मामले में काफी आपत्तिजनक बयान दे दिया था। सर्वोच्च न्यायालय के पांच जजों में से चार की राय थी कि हर मंत्री अपने बयान के लिए खुद जिम्मेदार है। उसके लिए उसकी सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इस राय से अलग हटकर न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्न का कहना था कि यदि उस मंत्री का बयान किसी सरकारी नीति के मामले में हो तो उसकी जिम्मेदारी सरकार पर डाली जानी चाहिए। शेष चारों जजों का कहना था कि संविधान कहता है कि देश में सबको अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। इस स्वतंत्रता का जो भी दुरुपयोग करेगा, उसे सजा मिलेगी। ऐसी स्थिति में अलग से कोई कानून थोपना तो अभिव्...