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मंदसौर: मासूम भांजी से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले मामा को अंतिम सांस तक जेल की सजा

मंदसौर: मासूम भांजी से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले मामा को अंतिम सांस तक जेल की सजा

मध्य प्रदेश
मंदसौर (Mandsaur)। विशेष न्यायाधीष पॉक्सो एक्ट (special judge pocso act) द्वारा आरोपित बल्लू उर्फ बलराम (18) पुत्र लालुराम भील निवासी ग्राम डोडियामीणा थाना वायडीनगर जिला मंदसौर को अपनी चार साल की मासूम भांजी (four year old innocent niece) के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या (rape and murder) करने का दोषी पाते हुए विभिन्न धाराओं में अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा (imprisonment till death) सुनाई गई है। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा ने सोमवार को बताया कि 19 मार्च 2022 को मृतका (बच्ची) की मां ने देहाती नाल्सी लेख कराई कि वह अपने ससुराल निम्बाहेड़ा से चार बच्चों के साथ अपने मायके डोडियामीणा में आई थी, होली थी। शाम को सभी बच्चे खेलने गए थे। शाम को सात बजे दो लड़कियां घर आई किंतु मृतका नहीं आई थी। फरियादी के भाई ने सभी जगह तलाश किया वह नहीं मिली। बालिका बाबूभाई के बाड़े के पास नग्न अवस्था ...
भोपालः तीन साल की बेटी से दुष्कर्म करने वाले को अंतिम सांस तक जेल की सजा

भोपालः तीन साल की बेटी से दुष्कर्म करने वाले को अंतिम सांस तक जेल की सजा

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। राजधानी भोपाल (Bhopal) के खजूरी सड़क इलाके में तीन साल की बेटी के साथ दुष्कर्म (three year old daughter raped) करने वाले आरोपित पिता को विशेष अदालत (पाक्सो) (Special Court (PAxo)) ने दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा (life sentence) सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश पदमा जाटव ने गुरुवार को पारित अपने फैसले में यह भी कहा है कि आरोपित को आखिरी सांस तक जेल में रखा जाए। उस पर डेढ़ लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। जिला अभियोजन मीडिया प्रभारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि 01 जनवरी 2022 को खजूरी सड़क थाना इलाके में रहने वाली महिलाअपनी 3 साल की बेटी को लेकर थाने पहुंची थी। महिला ने बताया कि वह घरेलू काम काज करती है। 20 दिन पहले उसकी बेटी ने पेट दर्द की शिकायत की थी। जांच करने पर उसके गुप्तांग पर चोट के निशान पाए गए थे। तब उसने घरेलू उपचार कर दिया था। 31 दिसबंर 2021 को दोपहर एक बजे वह घर में सो रही...

मप्र: दुष्कर्मियों-आतंकियों को अब आखिरी सांस तक रहना होगा जेल में

देश, मध्य प्रदेश
- प्रदेश में 12 हजार से अधिक बंदी काट रहे आजीवन कारावास की सजा भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में विभिन्न अधिनियमों में आजीवन कारावास से दंडित बंदियों (prisoners sentenced to life imprisonment) की रिहाई की अवधि की प्रस्तावित नीति -2022 (release period Proposed Policy of 2022) पर चर्चा हुई। वर्तमान में प्रदेश में वर्ष 2012 की नीति लागू है। वर्तमान में प्रदेश के 131 जेलों में 12 हजार से अधिक बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। आजीवन कारावास की सजा प्राप्त बंदियों के संबंध में जो नई नीति तैयार की गई है, उसमें जघन्य अपराधियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। आतंकी गतिविधियों और नाबालिगों से बलात्कार के अपराधियों का कारावास 14 वर्ष में समाप्त नहीं होगा। मध्यप्रदेश में ऐसे अपराधियों को अंतिम साँस तक कारावास में ही रहन...