Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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अब महिला वोट करते हैं बड़ी चोट

अब महिला वोट करते हैं बड़ी चोट

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में 18 वीं लोकसभा के चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनावा आयोग ने सात चरणों में मतदान कार्यक्रम जारी कर दिया है। चार जून को मतगणना की तारीख तय की गई है। सीधी सी बात है कि दोपहर बाद तक 18 वीं लोकसभा की तस्वीर साफ हो जाएगी। खैर यह सब अलग बात है पर विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में चुनावों में महिलाओं की बढ़ती सक्रिय भागीदारी तारीफे काबिल है। गत दो चुनाव में देश की महिला वोटर्स ने नई सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मजे की बात यह भी है कि 2019 के चुनाव में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं ने अधिक मुखर होकर मतदान किया। अब तो यह माना जाने लगा है कि देश के करीब एक दर्जन राज्यों में महिलाओं के वोट ही नई सरकार के गठन में बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं। तस्वीर का सकारात्मक पक्ष यह भी है कि मतदान ही नहीं चुना...
ज्ञान केवल सूचना नहीं होता

ज्ञान केवल सूचना नहीं होता

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- हृदयनारायण दीक्षित भाषा मानव जीवन की सर्वोत्तम उपलब्धि है। दुनिया के सभी समाजों के गठन में भाषा ही संवाद का माध्यम होती है। भाषा के प्रयोग का उद्देश्य संवाद होता है अपनी बात को समझाना होता है। भाषा वाक्यों से बनती है और वाक्य शब्दों से। शब्द भाषा के घटक होते हैं। प्रत्येक शब्द के भीतर उसका अर्थ छुपा होता है। पतंजलि ने महाभाष्य में बताया है, 'एक ही शब्द किसी वाक्य में विशेष स्थान में प्रयुक्त होकर भिन्न भिन्न अर्थ देता है। शब्द का सम्यक ज्ञान और सम्यक प्रयोग ही अपेक्षित परिणाम देता है। शब्द की शक्ति बड़ी होती है।' भारत लोकतंत्र के उद्भव का प्रथम स्थान है। यहां वैदिक काल में भी सभा और समितियां जैसी लोकतंत्री संस्थाएं थीं। सुंदर और सरल बोलना सभ्य होना था। सभ्य सभा के योग्य माने जाते थे। भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्राचीनतम जनतंत्र है। हम भारत के लोगों ने संसदीय जनतंत्र अपनाया है। यहां संविधान...
चुनाव आयुक्त का चुनाव कैसे हो?

चुनाव आयुक्त का चुनाव कैसे हो?

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और किसी भी लोकतंत्र की श्वास-नली होती है चुनाव। उसमें होनेवाले लोक प्रतिनिधियों के चुनाव निष्पक्ष हो, यह उसकी पहली शर्त है। इसीलिए भारत में स्थायी चुनाव आयोग बना हुआ है। लेकिन जब से चुनाव आयोग बना है, उसके मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति पूरी तरह से सरकार के हाथ में है। हमारे चुनाव आयोग ने सरकारी पार्टियों के खिलाफ भी कई बार कार्रवाई की है लेकिन माना यही जाता है कि हर सरकार अपने मनपसंद नौकरशाह को ही इस पद पर नियुक्त करना चाहती है ताकि वह लाख निष्पक्ष दिखे लेकिन मूलतः वह सत्तारूढ़ दल की हित-रक्षा करता रहे। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट में अरुण गोयल की ताजातरीन नियुक्ति के विरुद्ध बहस चल रही है। गोयल 17 नवंबर तक केंद्र सरकार के सचिव के तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन उन्हें 18 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी गई और 19 नवंब...
हमारा संविधान और भारतीय जीवन दर्शन

हमारा संविधान और भारतीय जीवन दर्शन

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- डॉ. सौरभ मालवीय किसी भी देश के लिए एक विधान की आवश्यकता होती है। देश के विधान को संविधान कहा जाता है। यह अधिनियमों का संग्रह है। भारत के संविधान को विश्व का सबसे लम्बा लिखित विधान होने का गौरव प्राप्त है। भारतीय संविधान हमारे देश की आत्मा है। इसका देश से वही संबंध है, जो आत्मा का शरीर से होता है। भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर पूर्ण हुआ था। चूंकि डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे, इसलिए भारत सरकार द्वारा उनकी 125वीं जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर 2015 को प्रथम बार संविधान दिवस संपूर्ण देश में मनाया गया। उसके पश्चात 26 नवंबर को प्रत्येक वर्ष संविधान दिवस मनाया जाने लगा। इससे पूर्व इसे राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में मनाया जाता था। संविधान सभा द्वारा देश के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में पूर्ण किया गया था। इस पर 114 दिन तक चर्चा हुई तथा 12 अधिवेशन आ...