करवा चौथ: प्रेम, समर्पण और संस्कार का पर्व
- योगेश कुमार गोयल
करवा चौथ प्रेम, समर्पण और संस्कार का पर्व है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलती हैं। भारतीय समाज में वैसे तो महिलाएं विभिन्न अवसरों पर अनेक व्रत रखती हैं लेकिन पति को परमेश्वर मानने वाली नारी के लिए इन सभी व्रतों में सबसे अहम करवा चौथ का व्रत है। यह कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाने वाला व्रत है। इसे अन्य सभी व्रतों से कठिन माना जाता है। यह सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत है। यह व्रत महिलाओं के लिए ‘चूड़ियों का त्योहार’ नाम से भी प्रसिद्ध है। महिलाएं अन्न-जल ग्रहण किए बिना यह व्रत रखती हैं। इसे अखंड सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है।
इस व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, श्रीगणेश तथा चन्द्रमा का पूजन करने का विशेष महत्व है। अविवाहित किशोरियोंए युवतियों और सुहागिन महिलाओं द्व...