कितने भारतीय कमला हैरिस से ऋषि सुनक तक की कतार में
- आर.के. सिन्हा
अगर ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक बने जाते हैं, तो वे एक तरह से उसी परंपरा को ही आगे बढ़ायेंगे, जिसका श्रीगणेश 1961 में सुदूर कैरिबियाई टापू देश गयाना में भारतवंशी छेदी जगन ने किया था। वे तब गयाना के निर्वाचित प्रधानमत्री बन गए थे। उनके बाद मॉरीशस में शिवसागर रामगुलाम से लेकर अनिरुद्ध जगन्नाथ, त्रिनिदाद और टोबैगो में वासुदेव पांडे, सूरीनाम में चंद्रिका प्रसाद संतोखी, अमेरिका में कमल हैरिस वगैरह उपराष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बनते रहे। ये सभी उन मेहनतकश भारतीयों की संतान रहे हैं, जिन्हें गोरे दुनियाभर में लेकर गए थे, ताकि वे वहां के चट्टानों की सफाई कर वहां गन्ना की खेती कर लें।
दरअसल सन 1834 में दुनिया में गुलामी प्रथा का अंत होने के बाद श्रमिकों की भारी संख्या में की जरूरत पड़ी। इसके बाद गोरे भारत से एग्रीमेंट करके मजदूर बाहर के देशों में ले जाने लगे जिन्हें बाद में...