Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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देश को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी उम्मीद

अवर्गीकृत
- डा. वेदप्रताप वैदिक सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति यू.यू. ललित के प्रधान न्यायाधीश बनते ही दनादन फैसले शुरू कर दिए हैं। यह अपने आप में एक मिसाल है। ऐसा लगता है कि अपने ढाई माह के छोटे से कार्यकाल में वे हमारे सारे न्यायालयों को शायद नए ढांचे में ढाल जाएंगे। इस समय देश की अदालतों में चार करोड़ से ज्यादा मुकदमे लटके हैं। कई मुकदमे लगभग 30-40 साल से विचाराधीन हैं। मुकदमों में फंसे लोगों की परेशानी की कहानी अलग है। न्यायमूर्ति ललित की अदालत ने गुजरात के दंगों की 11 याचिकाओं, बाबरी मस्जिद से संबंधित मुकदमों और बेंगलुरु के ईदगाह मैदान के मामले में जो फैसले दिए हैं, उनसे आप सहमति व्यक्त करें, यह जरूरी नहीं है लेकिन उन्हें दशकों तक लटकाए रखना तो बिल्कुल निरर्थक ही था। जाॅन स्टुअर्ट मिल ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘लिबर्टी’ में पते का वाक्य लिखा है। उन्होंने कहा है- ‘‘देर से दिया गया न्याय तो अन्याय ही...

जस्टिस यूयू ललित बने भारत के 49वें चीफ जस्टिस, एनवी रमना की जगह लेंगे

देश
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस यूयू ललित को देश का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त कर दिया है। जस्टिस यूयू ललित 27 अगस्त को चीफ जस्टिस का कार्यभार संभालेंगे। विधि मंत्रालय ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का आग्रह किया था। इसके बाद चीफ जस्टिस एनवी रमना ने 4 जुलाई को अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस यूयू ललित के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी। जस्टिस रमना 26 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस ललित चीफ जस्टिस के रूप में 27 अगस्त को शपथ लेंगे और उनका कार्यकाल 8 नवंबर तक होगा। वह इस समय सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज हैं। जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को हुआ था। जून 1983 से उन्होंने वकालत शुरू की थी। 1985 तक बांबे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने के बाद वे जनवरी 1986 में दिल्ली शिफ्ट हो गए। अप्रैल 2004 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में सीन...