Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय

बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय

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- आर.के. सिन्हा केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का साल 2024-25 का बजट पेश करते हुए रक्षा क्षेत्र के लिए 4.54 लाख करोड़ का प्रस्ताव किया। यह संयोग ही है कि कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई) से चंदेक दिन पहले ही संसद में पेश आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए ठीक-ठाक राशि का ही प्रस्ताव किया गया। भारत अपने रक्षा बजट की किसी भी सूरत में अनदेखी नहीं कर सकता। कारण हम सबको पता है। हमारे दो गैर-जिम्मेदाराना हरकतों के लिये कुख्यात पड़ोसी- चीन और पाकिस्तान भारत के कट्टर शत्रु देश हैं। इनसे भारत के कई युद्ध भी हो चुके हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान तो भारत में आतंकवाद को लगातार हवा-पानी देता रहता है। यह हमने हाल ही में जम्मू में भी देखा। जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमलों में वृद्धि के मद्देनजर, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 20 जुलाई को जम्मू का दौरा भी किया। उन्होंने आला सैनिक अफसरों के साथ ...
दशकों बाद देश के बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय

दशकों बाद देश के बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय

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- आर.के. सिन्हा भारत ने एक बार फिर शत्रुओं को साफ संकेत और सख्त संदेश दिया है कि वह अपनी सरहदों की निगहबानी करने में कभी भी पीछे नहीं रहेगा। भारत अपने रक्षा क्षेत्र को निरंतर मजबूत करता रहेगा। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा चुनाव से पहले गुरुवार को मोदी सरकार के अंतरिम बजट को देश के सामने रखा। उन्होंने बजट प्रस्तावों में रक्षा क्षेत्र के लिए पिछले वित्त साल की तुलना में 11.1 फीसद अधिक धन की व्यवस्था की। यह राशि देश के जीडीपी के कुल 3.4 फीसद होगी। यह एक स्पष्ट और सख्त संदेश है कि चीन और पाकिस्तान जैसे दो घोषित शत्रुओं के साथ भारत कभी भी अपनी सीमाओं की रखवाली करने में कमजोर रहने वाला नहीं है। यह दोनों दी देश घनघोर रूप से धूर्त हैं। इनसे भारत कई बार जंग भी कर चुका है। अगर एक 1962 की जंग को छोड़ दिया जाए तो भारत ने हरेक बार इन्हें करारा जवाब भी दिया है। 1962 की जंग को हु...
विद्यार्थियों को दें महाराजा विक्रमादित्य की न्यायप्रियता, दानशीलता व शौर्य की जानकारी: मुख्यमंत्री

विद्यार्थियों को दें महाराजा विक्रमादित्य की न्यायप्रियता, दानशीलता व शौर्य की जानकारी: मुख्यमंत्री

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिए उज्जैन में भव्य विक्रमोत्सव 2024 की तैयारियों के निर्देश भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने उज्जैन (Ujjain) में आगामी 8 मार्च से 9 अप्रैल (8th March to 9th April) तक आयोजित होने वाले विक्रमोत्सव 2024 (Vikramotsav 2024) के आयोजन की तैयारियों के लिए सोमवार को संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य की न्यायप्रियता, दानशीलता, उनके शौर्य और खगोल शास्त्र के ज्ञान से आमजन, विशेषकर विद्यार्थियों को अवगत करवाया जाए। दरअसल, महाराजा विक्रमोत्सव भव्य स्वरूप से आयोजित होगा। महाशिवरात्रि से वर्ष प्रतिपदा की अवधि में होने वाले विक्रमोत्सव में उज्जैन सहित निकटवर्ती जिलों के नागरिक भी शामिल होंगे। मेले में भारतीय सांस्कृतिक संबद्ध परिषद के सहयोग से भी ज्ञान और मनोरंजन के उद्देश्य से अनेक गत...
न्याय की आस में पचास साल से सलमान रुश्दी

न्याय की आस में पचास साल से सलमान रुश्दी

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- आर.के. सिन्हा लेखक सलमान रुश्दी की दिल्ली के पॉश एरिया फ्लैग स्टाफ रोड में पैतृक संपत्ति का कोर्ट में बीती आधी सदी से चल रहा कानूनी विवाद इस बात की चीख-चीख कर पुष्टि करता है कि हमारे यहां कोर्ट के रास्ते से न्याय पाना कितनी कठिन और थकाने वाली प्रक्रिया है। दरअसल सलमान रुश्दी के पिता अनीस अहमद रुश्दी ने पूर्व कांग्रेस नेता और सांसद भीखू राम जैन से 1970 में 3.75 लाख रुपये में संपत्ति बेचने का समझौता किया था। जैन ने रुश्दी को कुछ बयाना भी दे दिया था। पर रुश्दी सौदे से मुकर गए और इसके बाद से यह केस निचली अदालतों से देश की सर्वोच्च अदालत में झूल रहा है। भारत में अदालती मामलों में फैसला आने में देरी की वजह सभी स्तरों के न्यायालयों द्वारा पीड़ित व्यक्ति या संगठन को न्याय प्रदान करने में होने वाली है। आप जानते हैं कि देश में न्यायपालिका तीन स्तरों पर काम करती है - सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न...
‘इसलिए’ छत्रपति शिवाजी महाराज सबके हैं

‘इसलिए’ छत्रपति शिवाजी महाराज सबके हैं

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- मुख्तार खान महाराष्ट्र ही नहीं सारे देश में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है। हर साल 19 फरवरी को शिवाजी जयंती धूमधाम के साथ मनाई जाती है। लगभग साढ़े तीन सौ वर्ष पहले शिवाजी महाराज ने रायगढ़ किले में जनसमूह की उपस्थिति में राज्याभिषेक का अनुष्ठान पूरा किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज ने समता, बंधुता और न्याय के मूल्यों पर आधारित स्वराज की स्थापना की। अपने शासनकाल में बिना किसी भेदभाव के उन्होंने जनकल्याण के कार्य किए। दुर्भाग्य से शिवाजी महाराज को हिंदू शासक के रूप में निरूपित किया जाता रहा है। क्या शिवाजी महाराज जैसे विशाल व्यक्तित्व को केवल एक फ्रेम से देखा जाना न्यायोचित होगा? शिवाजी महाराज के विशाल व्यक्तित्व को केवल एक धर्म विशेष के रूप में प्रस्तुत करना अनुचित है। शिवाजी महाराज का जीवन हमें बताता है कि उन्होंने अपने शासनकाल में उच्च आदर्श प्रस्तुत किया...
पॉक्सो पीड़ित और न्याय की लंबी डगर

पॉक्सो पीड़ित और न्याय की लंबी डगर

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- डॉ. निवेदता शर्मा लोककल्याणकारी राज्य व्यवस्था में किसी भी तरह के अन्याय के लिए कोई जगह नहीं है। बल्कि जहां भी कुछ गलत हुआ है, उसकी सीमित या अधिकांश भरपाई किस तरह की जा सकती है, उसके लिए राज्य अनेक कानून एवं विधि अनुरूप व्यवस्था का निर्माण करता है, जिस पर चलकर उम्मीद की जाती है कि जिसके साथ भी गलत हुआ है उसे न्याय मिलेगा । पर यह न्याय दिलाएगा कौन ? स्वभाविक है जिनके कंधे पर इस कार्य को करने का दायित्व होगा वे सभी लोग। किंतु दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पॉक्सो पीड़ितों को समय पर न्याय नहीं मिल रहा । जो सुविधा शासन से सुनिश्चित की है, वह भी उन्हें नहीं मिल रही है। ज्यादातर केस में पीड़ित बालिग हो गईं किंतु उन्हें जो राशि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीड़ित प्रतिकर स्कीम में स्वीकृत कर दे देना चाहिए थी, वह उसे कभी मिल ही नहीं पाती है। चिंता का विषय यह है कि इस सहायता के अभाव में कितनी बच्च...