नौकरियों में आरक्षण खत्म हो
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
सुप्रीम कोर्ट में आजकल आरक्षण पर बहस चल रही है। उसमें मुख्य मुद्दा यह है कि आर्थिक आधार पर लोगों को नौकरियों और शिक्षा-संस्थानों में आरक्षण दिया जाए या नहीं? 2019 में संसद ने संविधान में 103 वां संशोधन करके यह कानून बनाया था कि गरीबी की रेखा के नीचे जो लोग हैं, उन्हें 10 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाए। यह आरक्षण उन्हीं लोगों को मिलता है, जो अनुसूचित और पिछड़ों को मिलनेवाले आरक्षण भी शामिल नहीं हैं। यानी सामान्य श्रेणी या अनारक्षित जातियों को भी यह आरक्षण मिल सकता है।
उसका मापदंड यह है कि उस गरीब परिवार की आमदनी 8 लाख रुपये सालाना से ज्यादा न हो। यानी लगभग 65 हजार रुपये प्रति माह से ज्यादा न हो। एक परिवार में यदि चार लोग कमाते हों तो उनकी आमदनी 16-17 हजार से कम ही हो। ऐसा माना जाता है कि गरीबी रेखा के नीचे जो लोग हैं, उनकी संख्या 25 प्रतिशत के आसपास यानी लगभग 30 करोड़ है। ...