लेफ्ट’ जेएनयू से जेएनयू तक
- आर.के. सिन्हा
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में वामपंथी छात्र संगठनों को सफलता मिलने के बाद जिस तरह से कुछ कथित बुद्धिजीवी कहे जाने वाले विद्वानों ने सोशल मीडिया में टिप्पणियां की हैं, उन्हें हास्यास्पद ही माना जाएगा। इन विद्वानों ने लेफ्ट पार्टियों के उम्मीदवारों की कामयाबी को आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजों से भी जोड़ा। यहां तक कह दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव के अप्रत्याशित नतीजे आने वाले हैं। जेएनयू में अध्यक्ष समेत सभी चारों सीटों पर वामपंथी दलों के छात्र संगठनों और उनके समर्थित उम्मीदवारों को जीत मिली है। जिस जेएनयू में करीब 5 हजार विद्यार्थी पढ़ते हों उसके छात्रसंघ के नतीजों को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखना मूर्खता नहीं, तो क्या है।
हैरानी तो इस बात की है कि जेएनयू के नतीजों पर अपनी राय रखने वाले कुछ माह पहले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों की पूर...