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रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस: मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी

रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस: मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी

अवर्गीकृत
- डॉ. वंदना सेन भारत में ऐसे कई महान व्यक्तित्व हुए हैं, जिनका जीवन हमको देश के लिए जीना सिखाता है। उनके हर कदम भारत के वीर भाव को ही प्रदर्शित करते थे। यहां यह बताना भी बहुत जरुरी है कि देश याने क्या? देश केवल भूमि नहीं, बल्कि वहां रहने वाली संतति ही है। इसलिए स्वाभाविक रूप से यही कहा जा सकता है कि देश के महानायकों ने जिस वीरत्व भाव के साथ जीवन जिया, वह देश की संतति को प्रेरणा देने वाला ही है। लेकिन आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि हम इन महानायकों को कितना अपने जीवन में उतारते हैं? यथार्थ यही है कि आम जन के लिए जीवन का उत्सर्ग करने वाले इन योद्धाओं को हम लगभग विस्मृत ही कर चुके हैं। आज हमको अपने नायकों को पहचानने की आवश्यकता है। रानी लक्ष्मी बाई उन नायकों की शृंखला में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। वीरांगना नाम सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में रानी लक्ष्मी बाई की छवि उभरने लगती है। भारतीय वसुंध...

झांसी: ओवरब्रिज में करंट से 6 कांवड़िये झुलसे, दरोगा ने गोद में उठाकर पहुंचाया अस्पताल

देश
झांसी । झांसी (Jhansi) के मऊरानीपुर में ओरछा से कांवड़ (kanwar) लेकर जा रहे कुछ कांवड़िये रेलवे ओवरब्रिज पर करंट की चपेट में आ गए. बताया जा रहा है कि करंट (Current) लगने से करीब छह कांवड़िये झुलस गए. घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी लोकेंद्र सिंह (Lokendra Singh) अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घायल को गोद में उठाकर स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया. ओरछा से जल लेकर मऊरानीपुर के केदारेश्वर धाम पर जलाभिषेक करने कांवड़िये जा रहे थे. जैसे ही वह रेलवे ओवरब्रिज पर पहुंचे, तभी एक कांवड़िये मनोज (22) को करंट लग गया. इसके बाद देखते ही देखते लगभग छह कांवड़िये करंट की चपेट में आ गए. जिसके बाद सभी कांवड़ियों ने गुस्से में रास्ता जाम कर दिया. मनोज के मुंह और नाक से खून निकलने लगा. कोतवाली प्रभारी लोकेंद्र सिंह मनोज को गोद में उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए. फिलहाल अब वह खतरे से बाहर है. उप जिला...