Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Jana Gana Mana

घाटी के स्कूलों में ‘जन गण मन’ गान से कुछ नहीं होगा, भाव भी जगाने होंगे

घाटी के स्कूलों में ‘जन गण मन’ गान से कुछ नहीं होगा, भाव भी जगाने होंगे

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी जम्मू-कश्मीर में अब सभी स्कूलों के लिए राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बाद कहना होगा कि यहां अब घाटी के भी हर स्कूल में राष्ट्रगान 'जन गण मन' गाया जाएगा। सबसे पहले तो इस पहल के लिए वर्तमान नेतृत्व को धन्यवाद है कि 'एक भारत और श्रेष्ठ भारत' की संकल्पना को साकार करने की दिशा में यह सबसे बड़ा कदम विद्यालयीन स्तर पर उठाया गया है। वस्तुत: इसे सबसे बड़ा कदम क्यों कहा जा रहा है ? हो सकता है किसी को इस संबंध में कोई संदेह हो। किंतु यह है तो राज्य सरकार का सबसे बड़ा कदम ही। क्योंकि जिन बच्चों के माध्यम से भविष्य में विकसित राज्य की जो नींव खड़ी होती है, उनमें विचारों का ही सबसे अधिक महत्व है। यदि यह विचार अलगाव से पूर्ण होंगे तो हिंसा का करण बनेंगे और यदि यही विचार राष्टीय एकत्व एवं अपने आसपास के वातावरण को बेहतर बनाने तथा अपने देश की एकात्मता का अनुभव करेंगे त...
जन गण मन के महानायक हैं वाजपेयी

जन गण मन के महानायक हैं वाजपेयी

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित अटल जी का नाम सारी दुनिया के प्रमुख नेताओं में वरिष्ठ है। वे भारतीय जन गण मन के महानायक हैं। उनकी स्मृति बार-बार आती है। उनका पूरा व्यक्तित्व एक छंद और भावप्रवण काव्य था। विधाता ने उन्हें पूरे जतन से गढ़ा था। प्रकृति ने अपना सारा मधुरस उड़ेल दिया था उनके व्यक्तित्व में। वे सरस थे। तरल थे। सरल थे। विरल थे और विश्वमोहन। आज (रविवार) उनकी जन्म तिथि की पूर्व संध्या है। राष्ट्र उनका स्मरण कर रहा है। हमारे जैसे कार्यकर्ता उनकी छाया में पले। स्वाभाविक है उनका स्मरण। वैसे स्मरण उनका होता है, जिनका विस्मरण हो जाता है। अटल जी की स्मृति प्रतिपल जीवंत रहती है। वे भारतीय सार्वजनिक जीवन के शिखर शलाका पुरुष थे। वे भारतीय लोकतंत्र की दिव्यता हैं और राजनैतिक जीवन के मर्यादा पुरुष। इतिहास ने उन्हें पूरी आत्मीयता के साथ अपने अन्तःस्थल में स्थापित किया है। इतिहास निर्मम और निष्पक्ष होत...
जनगणमन क्या बोले ?

जनगणमन क्या बोले ?

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र भारत के चार प्रमुख राज्यों में हुए विधानसभा के ताजे चुनाव नतीजे कई अर्थों में आम आदमी और राजनीति के पंडितों हर किसी के लिए बेहद चौंकाने वाले साबित हुए हैं। पांचवा राज्य पूर्वोत्तर का मिजोरम है जहां जेडपीएम को जीत मिली। इस क्षेत्रीय पार्टी ने मिजो अस्मिता को आधार बनाया। लाल दुहोमा की पार्टी ने कुछ ही वर्षों में अपने लिए पर्याप्त समर्थन जुटा लिया। तीन प्रदेशों में भाजपा और एक में कांग्रेस की भारी जीत दर्ज हुई है। कांग्रेस ने दो राज्य गंवाए और एक नया राज्य हासिल किया। जनमत की सघन और तीव्र अभिव्यक्ति करते इन आशातीत परिणामों की व्याख्या किसी एक सूत्र से नहीं की जा सकती। जनता ने स्थानीय परिस्थितियों और राष्ट्रीय स्तर पर उभरते घटनाक्रम की निजी व्याख्या की। इस चुनाव में प्रत्याशियों की अपनी साख की भी खास भूमिका रही। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के उप मुख्यमंत्री जू देव और तेलंगाना...